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गणेशोत्‍सव पर आप भी करने जा रहे हैं विनायक की स्‍थापना, तो जान लें नियम, अतिशुभ मुहूर्त

Paliwalwani
गणेशोत्‍सव पर आप भी करने जा रहे हैं विनायक की स्‍थापना, तो जान लें नियम, अतिशुभ मुहूर्त
गणेशोत्‍सव पर आप भी करने जा रहे हैं विनायक की स्‍थापना, तो जान लें नियम, अतिशुभ मुहूर्त
  • हर साल भाद्रपद मास की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्‍सव की शुरुआत होती है. माना जाता है कि इसी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्‍म हुआ था. गणपति के जन्‍मोत्‍सव का ये पर्व 10 दिनों तक चलता है. इस बीच बप्‍पा के भक्‍त गणपति की मूर्ति को धूमधाम से अपने घर में लाते हैं और स्‍थापना करते हैं. इसके बाद उनकी सेवा की जाती है. 5वें, 7वें या 10वें दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है. महाराष्‍ट्र में गणपति उत्‍सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को पड़ रही है. इस मौके पर अगर आप भी अपने घर में विनायक को स्‍थापित करना चाहते हैं, तो पहले इसके नियम और स्‍थापना का शुभ समय जरूर जान लें.

ये हैं गणपति स्‍थापना के नियम

ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो भगवान गणेश को ईशानकोण यानी उत्‍तर-पूर्व दिशा की ओर स्‍थापित करना चाहिए. ये दिशा पूजा के लिहाज से सबसे शुभ मानी जाती है. अगर ऐसा संभव न हो पाए तो उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में स्थापित करें.

स्‍थापना करने से पहले उस स्‍थान को अच्‍छी तरह से साफ कर लें. गंगाजल छिड़क कर स्‍थान को शुद्ध करें. इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला वस्‍त्र बिछाकर गणपति को बैठाएं. ध्‍यान रखें कि उस स्‍थान पर चमड़े आदि की कोई चीज न रखी हो.

आप गणपति को 5, 7 या 10 दिनों के लिए स्‍थापित कर सकते हैं. लेकिन एक बार स्‍थापना होने के बाद मूर्ति को हिलाएं नहीं. इसके बाद शुद्ध आसन पर भगवान के सामने अपना मुख करके बैठे और भगवान का ध्यान करते हुए पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली, लाल चंदन, 21 दूब और मिष्ठान आदि गणेश भगवान को समर्पित करें. आप भगवान को मोदक और लड्डू जरूर चढ़ाएं. कहा जाता है कि गणपति को ये चीजें अत्‍यंत पसंद हैं.  

भूलकर भी गणपति को तुलसी अर्पित न करें. न ही टूटे चावल, सफेद जनेऊ या सफेद वस्‍त्र अर्पित करें. सफेद जनेऊ को हल्‍दी से पीला करने के बाद ही चढ़ाएं. इसके अलावा पीले रंग का ही वस्‍त्र अर्पित करें. सफेद चंदन की बजाय भी पूजा में पीला चंदन इस्‍तेमाल करें.

सुबह-शाम गणपति की पूजा करें. मंत्रों का जाप करें और आरती करें. कहा जाता है कि गणपति की श्रद्धाभाव से पूजा करने से वे प्रसन्‍न होते हैं और जाते समय परिवार के सारे विघ्‍न लेकर चले जाते हैं. ध्‍यान रहे कि गणपति जब तक आपके घर में विराजें, प्‍याज-लहसुन, नॉनवेज और शराब आदि से पूरी तरह से परहेज करें.

स्‍थापना का शुभ समय

ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो भाद्रपद मास की शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. ऐसे में ये गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा. 19 सितंबर को गणपति जी की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:50 मिनट से 12:52 मिनट तक है, 12:52 मिनट से 02:56 मिनट तक है.

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