ज्योतिषी

शनि देव की कृपा से इन लोगों को मिलने जा रही है साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति

Paliwalwani
शनि देव की कृपा से इन लोगों को मिलने जा रही है साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति
शनि देव की कृपा से इन लोगों को मिलने जा रही है साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति

वैदिक ज्योतिष अनुसार शनि देव 23 अक्टूबर को मार्गी होने जा रहे हैं, शनि देव के मार्गी होने से 5 राशि वालों को शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से राहत मिल सकती है।ज्योतिष के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन करता है। तो इसका सीधा असर मानव जीवन और पृथ्वी पर देखने को मिलता है। आपको बता दें कि शनि ग्रह 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में वक्री था और यह अक्टूबर में मकर राशि में मार्गी हुआ है। जब कोई ग्रह मार्गी होता है तो इसका अर्थ होता है सीधी चाल! जब भी कोई मार्गी होता है उसका प्रभाव सभी राशियों पर देखने को मिलता है। शनि मार्गी के कारण कुछ लोगों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में राहत मिलने वाली है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये राशियां…!

इन राशियों को मिलने जा रहा है साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा

शनि के मकर राशि में होने के कारण इस समय धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती चल रही है। वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों पर ढैय्या का प्रभाव पड़ता है। कुंभ राशि के जातकों पर शनि का साढ़े साती 24 जनवरी 2022 से शुरू हो गया था। इससे मुक्ति अब 03 जून 2027 को मिलेगी।

कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की महादशा से मुक्ति मिलेगी, जब शनि मार्गी होगा। कुंभ राशि के जातकों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़े साती से मुक्ति मिलेगी। आपको बता दें कि जब शनि देव तेज गति से चल रहे थे। ऐसे में इन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इन लोगों के काम में रुकावट आ रही थी। अब सारे कष्ट दूर हो जाएंगे।

शनि की साढ़े साती से छुटकारा पाने के लिए करें ये उपाय

  • सूर्योदय के समय सफेद रंग का धागा लेकर उसे पीपल के पेड़ पर सात बार लपेटकर धूप, प्रसाद आदि से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इस समय शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  • शनि बीज मंत्र ‘ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः’ का 21 बार जप करें और शनिदेव से शनि साढ़े साती और ढैय्या दोष से छुटकारा पाने की प्रार्थना करें।
  • इस दिन केवल एक बार बिना नमक के खाने का प्रयास करें।
  • साथ ही इस दिन पूजा और अनुष्ठान करने के बाद दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली पर काले घोड़े की नाल लोहे की अंगूठी पहननी चाहिए।
  • पवनपुत्र, अंजनीसुत, परमवीर श्री हनुमानजी के हजार नामों का जाप करें। ब्राह्मण को काला तिल, तेल, काला उड़द, काला वस्त्र, लोहा, सरसों का तेल आदि का दान करना चाहिए।
whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News