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ज्योतिष : शनि देव होने जा रहे मार्गी, इन राशियों को मिलेगा साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव से छुटकारा, अब धन- दौलत में होगी अपार बढ़ोतरी
PushplataShani Sade Sati And Dhaiya 2024: वैदिक ज्योतिष अनुसार शनि देव की चाल में जब भी परिवर्तन होता है। तो किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का अशुभ प्रभाव शुरू होता है तो किसी ऊपर से इनका प्रभाव समाप्त होता है। आपको बता दें कि जून 2024 में शनि देव वक्री हुए थे और वह 16 नवंबर को मार्गी होने जा रहे हैं। जिससे कुछ राशियों पर से शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैय्या का कष्टकारी चरण खत्म होने वाला है। अब इन राशियों को किस्मत का साथ मिलेगा। साथ ही इनकी धन- दौलत में बढ़ोतरी होगी।
इन राशियों को मिलेगा ढैय्या के अशुभ प्रभाव से छुटकारा
ज्योतिष शास्त्र अनुसार शनि देव के कुंभ राशि में मार्गी होने से कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर ढैय्या का कष्टमय असर खत्म होने जा है। क्योंकि शनि देव कर्क राशि वालों की गोचर कुंडली में आठवें और वृश्चिक राशि के जातकों की गोचर कुंडली में चतुर्थ भाव में भ्रमण कर रहे हैं। इसलिए शनि देव के मार्गी होने से अब इन लोगों के अटके हुए काम बनने लगेंगे। साथ ही जो जीवन में तनाव चल रहा था, उससे मुक्ति मिलेगी। वहीं भाग्य का साथ मिलेगा। साथ ही कारोबारियों को अच्छा धनलाभ होगा। साथ ही काम- कारोबार के संबंध से यात्राएं आप कर सकते हैं। जो शुभ रहेंगी। वहीं बेरोजगार लोगों को नौकरी मिल सकती है।
इन राशियों पर समाप्त हुआ साढ़ेसाती का अशुभ प्रभाव
शनि देव के सीधी चाल चलने से मीन राशि के लोगों पर साढ़ेसाती के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी। वहीं आपको बता दें कि कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण और मकर राशि पर तीसरा चरण चरण चल रहा है। इसलिए शनि देव के मार्गी होने से मीन, कुंभ और मकर राशि के जातकों को मानसिक शांति मिलेगी। क्योंकि शनि देव के वक्री होने से आप लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों के साथ मनमुटाव चल रहा था, जिसमें सुधार आएगा। साथ ही अब आपको समय- समय पर आकस्मिक धनलाभ भी होगा। वहीं छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी।
साथ ही व्यपारियों का कारोबार अब पहले से अच्छा चलने लगेगा। इस दौरान कोई नई व्यवसायिक डील फाइनल हो सकती है। साथ ही जि लोगों को सेहत को लेकर अभी परेशानी बनी रह सकती है। इसलिए आप लोग शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक शनि प्रतिमा के सामने जलाएं। साथ ही शनि चालीसा का पाठ करें।