आपकी कलम

व्यंग्य लिखने की अनुमति के बाबत आवेदन पत्र : वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी जी का "व्यंग्य-पत्र"!

प्रकाश हिन्दुस्तानी
व्यंग्य लिखने की अनुमति के बाबत आवेदन पत्र : वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी जी का "व्यंग्य-पत्र"!
व्यंग्य लिखने की अनुमति के बाबत आवेदन पत्र : वरिष्ठ पत्रकार डॉ. प्रकाश हिंदुस्तानी जी का "व्यंग्य-पत्र"!

व्यंग्य लिखने की अनुमति के बाबत आवेदन पत्र

(जयजीत अकलेचा के आवेदन के साथ इस पर भी विचार हो)

माननीय मंत्री या उप मंत्री या उप मुख्यमंत्री महोदय,

महाराष्ट्र या भारत के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश

परम आदरणीय महोदय की सेवा में प्रार्थना है कि मैं कोई पेशेवर व्यंग्य लेखक नहीं हूं, लेकिन कभी-कभी मेरे लेखन में व्यंग्य झलकता है! (ऐसा कहा जाता है) और मेरे लेखन को कई बार व्यंग्य की श्रेणी में भी रखा जाता है।

अतः आपसे सविनय प्रार्थना है कि मुझे भी आधिकारिक रूप से व्यंग्य लिखने की अनुमति दी जाए। मेरे व्यंग्य को ग़लत मानकर मुझ पर, मेरे दफ्तर पर, स्टूडियो पर, मेरे घरवालों या वाली पर होनेवाले हमलों से मेरी रक्षा की जाए। मैंने कभी भी किसी की भावना को जानबूझकर या अनजाने में ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं की। 

मैं शपथ पूर्वक यह लिखने के लिए तैयार हूं कि मेरा किसी भी मंत्री, उप मंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और किसी बड़े नेता, दलाल, अधिकारी और यहां तक कि भ्रष्ट से भ्रष्टतम व्यक्ति से कोई विरोध नहीं है। ये सब भी भारतमाता के सपूत हैं जिन पर देश को नाज़ रहता आया है।

मेरे निर्मल हृदय में किसी भी युवा हृदय सम्राट, हिन्दू सम्राट, ब्रोकर सम्राट, करप्टम करप्ट सम्राट अथवा जमीन माफिया, अस्पताल माफिया, रेत माफिया, दारू माफिया, ट्रांसपोर्ट माफिया,  अर्थात तमाम देश के पालनहार माफियाओं के प्रति कोई बैर या द्वेष का भाव नहीं है। 

शपथपूर्वक कहता हूँ कि मेरा, मेरे परिवार का, कुटुंब का, मोहल्लेवालों का कुणाल कामरा से कोई संबंध नहीं है। हमने उनकी शक्ल तक नहीं देखी। उसकी चीप, गंदी, वाहियात पैरोडियों को हम नहीं देखते। आगे भी नहीं देखेंगे।

 मैं यह भी घोषित करता हूं कि किसी से मेरी कोई दुश्मनी नहीं है। सभी लोगों के प्रति पवित्र भाव रखते हुए मैं यह शपथ पूर्वक कहने को तैयार हूं कि मेरे लेखन को किसी का मजाक ना माना जाए। मैं अपने लेखन में किसी भी व्यक्ति के बारे में कोई अपशब्द नहीं लिखूंगा। भाई भतीजावाद का जिक्र नहीं करूंगा।

दल बदल पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। गद्दार जैसा असंसदीय शब्द नहीं लिखूंगा। जले नोटों का जिक्र नहीं करुंगा। सोने का जिक्र केवल निद्रा के लिए ही करूंगा। भ्रष्टाचार का तो नाम तक नहीं लूंगा। क्यों लूंगा? मैं अपने लेखन में केवल उपलब्धियां, सकारात्मकता, महान इतिहास, विश्वगुरु, शांतिदूत, मसीहा आदि बातों का ही जिक्र करूंगा।

कृपया सम्बंधित विभाग से अनुमति दिलवाकर कृतार्थ करें। 

आपका आज्ञाकारी सेवक,

प्रकाश हिन्दुस्तानी

दिनांक 25 मार्च 2025

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News