आपकी कलम

एक निवेदन : शासन-प्रशासन और सत्ताधीशों से : डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'

Pulkit Purohit-Ayush Paliwal
एक निवेदन : शासन-प्रशासन और सत्ताधीशों से : डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'
एक निवेदन : शासन-प्रशासन और सत्ताधीशों से : डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'

जब सत्ता, शासन, प्रशासन, राजनैतिक आयोजन 50 से अधिक लोगों की उपस्थिति में किए जा सकते हैं तो अन्य संस्थाएँ पर्याप्त शारीरिक दूरी रखते हुए, मास्क, सेनेटाइज़र आदि कोविड 19 से संबंधित जारी व्यवस्थाओं का निर्वहन करते हुए कोई आयोजन क्यों नहीं कर सकतीं। यदि किसी तरह की गाइडलाइन का उल्लंघन नज़र आए तो कार्यवाही हो, किन्तु इस तरह के सांस्कृतिक एवं सामाजिक आयोजनों को अनुमति प्रदान करनी चाहिए। क्या नेताओं और अधिकारियों के लिए अलग से नियम हैं और जनता के लिए अलग से? इस तरह का दोगला व्यवहार क्यों? क्या जनता भारत की निवासी नहीं है? इंदौर और मध्य प्रदेश में सामाजिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों आदि को अनुमति प्रदान नहीं करना और बेख़ौफ़ राजनैतिक आयोजन करना, शासन की कौन-सी नियमावली में लिखा है? आने वाले दिनों में हिंदी माह है, नवरात्रि आदि त्यौहार हैं, कवियों, संस्कृतिकर्मियों की हालत अवसाद ग्रस्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री शिवराज जी इस ओर भी आपका ध्यान अपेक्षित है। नियम सबके लिए समान होने चाहिए, क्योंकि यह लोकतांत्रिक राष्ट्र है।

डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'

मातृभाषा उन्नयन संस्थान, इंदौर

09406653005

● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Pulkit Purohit-Ayush Paliwal...✍️

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