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आम आदमी पर गिरी गाज : टमाटर के बाद अब रुलाएगा प्याज?, पहले से अलर्ट हुई सरकार, निर्यात पर लगाया 40% शुल्क

राज्य Published by: Pushplata Updated Wed, 30 Aug 2023 08:31 PM
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केंद्र सरकार ने महंगाई पर राहत के लिए कई अलग-अलग तरह के प्रयास किए हैं। लगातार टमाटर के बढ़ते दामों के बीच अब रिटेल मार्केट में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया गया है। सरकार की ओर इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है, जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। 

टमाटर के दामों में बढ़ोतरी की चर्चा के बीच पिछले कई दिन से अन्य सब्जियों और खासकर प्याज के दाम बढ़ने की बात हो रही थी। केंद्र के इस फैसले को इस ही से जोड़ कर देखा जा रहा है। 

सितंबर में प्याज के दामों के बढ़ने की संभावना 

केंद्र सरकार का 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का नोटिफिकेशन  सितंबर में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना के बीच आया है। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, “प्याज की घरेलू उपलब्धता में सुधार के लिए सरकार तत्काल प्रभाव से 31 दिसंबर, 2023 तक प्याज पर 40निर्यात शुल्क लगाती है।”इससे पहले सरकार ने उपलब्धता बढ़ाने के लिए अपने बफर स्टॉक से 3 लाख टन प्याज जारी करने की घोषणा की थी।

सरकार का बफर स्टॉक 

FY- 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के तौर पर 2.51 लाख टन प्याज रखा था।  यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है।

बफर स्टॉक के लिए जो प्याज खरीदा गया है, वह हाल ही में समाप्त हुए रबी सीजन का है। फिलहाल, खरीफ प्याज की बुआई चल रही है और अक्टूबर में इसकी आवक शुरू हो जाती है। इस बीच, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय परमाणु ऊर्जा विभाग और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ प्याज के भंडारण के लिए एक तकनीक का भी प्रयास कर रहा है।

2022-23 में सरकार ने पीएसएफ के तहत रबी-2022 फसल से रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की थी और इसे सितंबर 2022 और जनवरी 2023 के दौरान प्रमुख खपत केंद्रों में जारी किया था।

अप्रैल-जून के दौरान काटी गई रबी प्याज भारत के प्याज उत्पादन का 65 प्रतिशत हिस्सा है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई होने तक उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करती है। खरीदे गए बफर स्टॉक आमतौर पर  खुले बाजार की बिक्री के माध्यम से और कम आपूर्ति के मौसम के दौरान खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को जारी किए जाते हैं।

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