रतलाम. जगदीश राठौर
विश्व हिंदू परिषद का प्रतिवर्ष होने वाला प्रशिक्षण वर्ग इस बार रतलाम के हिमालय इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित किया गया है। इस वर्ग में पूरे प्रांत (इंदौर और उज्जैन सम्भाग) के 28 जिलों के चयनित शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिनकी संख्या 100 से अधिक है। यह वर्ग 25 मई से 4 जून तक चलने वाला है। प्रशिक्षण वर्ग में प्रतिदिन केंद्रीय पदाधिकारीयों का मार्गदर्शन सभी शिक्षार्थियों को प्राप्त हो रहा है।
आज प्रशिक्षण वर्ग में विशेष रूप से केंद्रीय सह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे और केंद्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख और प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी उपस्थित रहे।
विनायक राव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा की क्यों बार-बार हमारे मंदिरों को तोड़ा जाता है, हमारी माता बहनों पर अत्याचार किये जाते हैं, हमारे मानबिन्दुओं पर हमले होते हैं, इसको समझने की आवश्यक्ता है। हमारे राजाओ ने मुस्लिम आक्रांताओं को बार- बार छोड़ा पर उन्ही ने फिर हम पर आक्रमण किये।
भारत ने युध्द में 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को बंधक बना कर वापस छोड़ दिया था, पाकिस्तान हमेशा समझौता करता है, फिर आतंकवाद को पोषित करता है। हमारे नेता कहते हैं सारे धर्म समान है, ऐसा बोलने वाले नेताओं ने न कुरान पड़ी है, न बाइबल पड़ी है।
कुरान में 24 ऐसी आयते हैं,जो कुरान को न मानने वालों के विरोध में हैं। कुरान में लिखा है, काफिरो को जीने का अधिकार नही है, उनकी सम्पत्ति, महिलाओं को लुटो। इस्लाम और ईसाइयत में उनके एक-एक धर्म ग्रंथ है, वो एक ही ईश्वर को पूजने की बात करते हैं। पर हमारे यहां सभी को अपनी श्रद्धा अनुसार उपासना करने की आजादी है, हम कहते हैं ईश्वर एक है, पर उनके रूप अनेक हैं, सब मे ईश्वर है वो सर्व व्यपी है।
वहीं उनके मजहब मे उनके ईश्वर सन्देश वाहक भेजते हैं, पर हमारे धर्म मे भगवान स्वयं अवतार लेकर धरती पर आते हैं। वो कहते हैं हमारा ईश्वर ही एकमात्र ईश्वर है। हम कहते हैं, हमारे भगवान भी भगवान है। मुस्लिम धर्म के अनुसार अल्लाह को न मानने वाले काफिर हैं उन्हें दोखज(नर्क) मिलेगी। ईसाइयों के अनुसार जो ईसा मसीहा को मानता है उसे ही जन्नत मिलेगी। हमारे धर्म में सभो को मोक्ष और ईश्वर की प्राप्ति के मार्ग बताए गए हैं।
हमारे यहाँ नारी को देवी रूप में सम्मान दिया जाता है, हम धन की देवी को लक्ष्मी, शक्ति की देवी को दुर्गा, विद्या की देवी को सरस्वती के रूप में पूजते हैं, नारी का यह सम्मान सिर्फ हिन्दू धर्म मे ही है। अन्य मतपंथ के अनुसार तो महिलाओं को कोई विशेष अधिकार नही हैं।
दारुल हरब (जहाँ इस्लाम नही है) को दारुल इस्लाम (पूर्ण स्लाम की स्थापना) मे परिवर्तित करने की बात इस्लाम मे कही गई है। डॉ. अम्बेडकर जी ने कहा था, शरीयत को मनाने वाला मुस्लिम कभी भारत के संविधान को स्वीकार नही कर पायेगा।