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सखा भाव के कारण ही श्रीकृष्ण की आँखों से अश्रुपात हुआ : शास्त्री

राजसमन्द Published by: Suresh bhatt Updated Fri, 21 Oct 2016 01:51 PM
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राजसमन्द। अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के डा. स्वामी रामस्वरूप शास्त्री ने श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कृष्ण सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपनों के दुख में दुखी और सुख में सुखी होता हे वही सच्चा मित्र कहलाता हे। संकटकाल में ही दोस्ती की अग्नि परीक्षा होती हे। मुह पर प्रशंसा करने वाला पीठ पीछे निंदा करता हे वह कभी भी आपका सच्चा मित्र नही हो सकता। कथा के दौरान पितृ ऋण पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि पुत्र माता पिता की सेवा सौ वर्ष तक करके भी पितृ ऋण से मुक्त नही हो सकता। जो पुत्र अपने जन्म दाता की सेवा नही करता उसका जीवन व्यर्थ है। उपनयन संस्कार की व्याख्या करते हुए कहा कि जन्म से तो सभी शुद्र होते है।
न्यूज सर्विस

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