एप डाउनलोड करें

पिपलाज माता मंदिर उनवास पर लिखित कृति पिपलाद प्रशस्ति का विमोचन

राजसमन्द Published by: Suresh bhatt Updated Fri, 21 Oct 2016 01:49 PM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

 राजसमन्द। उत्तर भारत के प्रमुख पुरातन शक्ति स्थली पिपलाज माता मंदिर उनवास पर लिखित कृति पिपलाद प्रशस्ति का विमोचन किया गया। डॉ. मनोहर श्रीमाली की कृति के लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व सरपंच भंवरलाल श्रीमाली थे जबकि अध्यक्षता पिपलाज माता मंदिर प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष कन्हैयालाल श्रीमाली ने की। समारोह के विश्ेिाष्ट अतिथि श्रीमाली समाज मेवाड के वशिष्ट उपाध्यक्ष कृष्णवल्लभ जोशी,उपाध्यक्ष राजेन्द्र श्रीमाली, राजस्थान आचार्यकुल के प्रदेश मंत्री दिनेश श्रीमाली एवं मंदिर पुजारी नाथुसिंह राजपूत थे। इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि उनवास न केवल मेवाड के इतिहास का प्रमुख गांव है वरन यहां से शाक्त संस्कृति के प्रादुर्भाव के अवशेष मिले है। इस स्थली पर स्थित पिपलाज शक्तिपीठ पर ही मृत्युलोक में मां दुर्गा ने अवतरित होकर पातालकेतू और महिशासुर देत्य का वध कर जगत को आसुरी शक्ति से मुक्त कराया था। कृतिकार डॉ. श्रीमाली ने पिप्लादमुनि की तपस्या, उनकी आराध्या भगवती पिपलाज के अवतरण पर प्रकाश डाला। समारोह के प्रारम्भ में मंदिर समिति की ओर से भवंरलाल, हेमशंकर, सुरेश श्रीमाली, सुंदरलाल ने सभी का स्वागत किया। समारोह में श्रीमाली का गांव की ओर से अभिनंदन भी किया गया। आभार शिक्षाविद दयाशंकर श्रीमाली ने ज्ञापित किया।

फोटो -पिपलाद प्रशस्ति पुस्तिका का विमोचन करते अतिथि। फोटो-जशवंत शर्मा

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next