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MP Weather Update : मानसून की टाटा बाय-बाय से प्रदूषण का स्तर बढ़ा, एमपी के इन शहरों में सांस लेना हुआ दुश्वार...

मध्य प्रदेश Published by: Pushplata Updated Thu, 05 Oct 2023 12:30 PM
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मानसून की विदाई के बाद भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण फिर से बढ़ना शुरू हो गया है। एक्सपर्ट कहते हैं कि बरसात के समय भले ही जलभराव और यातायात की कुछ समस्याएं आती हैं, लेकिन बात जब हवा की गुणवत्ता की होती है, तो यह साल का सबसे अच्छा समय होता है।

इसका कारण यह है कि बारिश की वजह से धूल भारी हो जाती है और हवा में नहीं उड़ती। वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम हो जाता है क्योंकि टायरों के कारण प्रदूषक तत्व और धूल हवा में नहीं उड़ पाते। वे जमीन पर जम जाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि यही वजह है, जिससे बारिश के दौरान प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है।

लेकिन जैसे ही बारिश रुकती है, टूटी सड़कें, वाहनों से उड़ती धूल और बारिश के बाद निर्माण गतिविधियों में वृद्धि प्रदूषण के स्तर को बढ़ा देती है। अधिकारियों ने कहा है कि सर्दियों के दिनों में प्रदूषण और बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान लोग अलाव भी जलाते हैं।

आपको बता दें कि हवा की गुणवत्ता हवा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nox), RSPM10 और सूक्ष्म कण पदार्थ (PM2.5) के स्तर को ध्यान में रखकर मापी जाती है। इन चारों में से, PM 2.5 स्वास्थ्य के लिए सबसे हानिकारक है क्योंकि यह फेफड़ों की गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। पीएम 10 धूल, सड़क निर्माण सहित निर्माण के कारण होता है जबकि पीएम 2.5 धूल, मानव गतिविधि और जलवायु परिस्थितियों के कारण होता है।

एक चौंकाने वाली रिसर्च में वायु प्रदूषण और स्ट्रोक की घटना और मृत्यु दर के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया है। शोध से पता चला कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन जैसे गैसीय और कण प्रदूषकों के संपर्क में आने से स्ट्रोक का खतरा 30तक बढ़ जाता है।a

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