नई दिल्ली : सरकार देश में बिटकॉइन जैसी सभी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन करने जा रही है. इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक बिल लाया जाएगा. मंगलवार को यह खबर आते ही क्रिप्टो निवेशकों में खलबली मच गई. उन्होंने फटाफट क्रिप्टोकरेंसीज को बेचना शुरू कर दिया जिससे देश के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स का एप क्रैश हो गया. कंपनी के फाउंडर और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा कि अब इसे रिस्टोर कर दिया गया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स शिकायत कर रहे थे कि वे वजीरएक्स पर बिटकॉइन को खरीद या बेच नहीं पा रहे हैं और उनका पैसा प्रोसेसिंग में फंस रहा है. साथ ही उनका कहना था कि जब ग्लोबल एक्सचेंजेज पर बिटकॉइन और इथेरियम की कीमत ऊपर जा रही थी तो वजीरएक्स पर इनकी कीमत में गिरावट आ रही थी.
वजीरएक्स ने एक बयान में कहा कि WazirX एक ओपन ऑर्डर बुक है और एक्सचेंज किसी भी क्रिप्टो की कीमत का निर्धारण नहीं करता है. हर एक्सचेंज और हर देश में कीमतों में हमेशा अंतर रहेगा. यह डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है. उदाहरण के लिए अगर अमेरिका के मुकाबले भारतीय बाजार में ज्यादा लोग क्रिप्टो बेचने की कोशिश करेंगे तो भारतीय बाजार में कीमतों में मामूली गिरावट दिखेगी. एक्सचेंज ने क्रिप्टो निवेशकों से कहा है कि उन्हें घबराहट और हड़बड़ी में बिकवाली नहीं करनी चाहिए.
Internet Mobile Association of India के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में विभिन्न क्रिप्टोकरेंसीज में दोगुना निवेश किया है. यह आंकड़ा अब 2 अरब डॉलर पहुंच गया है. सरकार ने सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज पर प्रतिबंध का प्रस्ताव रखा है लेकिन इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन नहीं लगेगा. Bitcoin, Ethereum और Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज पब्लिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं और यह देखना होगा कि बिल में इन्हें शामिल किया जाता है या नहीं.