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पालीवाल अपडेट : 24 अक्टूबर को होगा सामूहिक करवा चौथ उद्यापन : पूजा मुहूर्त व चांद निकलने का समय

इंदौर Published by: Anil bagora, Sunil paliwal Updated Mon, 18 Oct 2021 11:17 AM
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इंदौर : पालीवाल ब्राह्मण समाज 24 श्रेणी इंदौर की प्रबंध कार्यकारिणी समिति एवं जागरूक मातृशक्ति के मार्गदर्शन में 24 अक्टूबर 2021 को पालीवाल समाज भवन 24 श्रेणी - मां अन्नपूर्णा मंदिर इंदौर (राजबाड़ा) सामूहिक करवा चौथ उद्यापन को महोत्सव कोविड -19 की गाइड लाइन के पालना में धूमधाम से मनाया जाएगा. इस आयोजन में मातृशक्ति एवं पालीवाल समाज बंधुओं से विशेष अपील है कि कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपना सहयोग प्रदान करें. समाज अध्यक्ष श्री मुकेश जोशी (मो. 9770990003) एवं सचिव श्री राकेश जोशी (मो. 9425059169), कोषमंत्री रमेश उपाध्याय (मो. 9630042270) ने पालीवाल वाणी को बताया कि समाज की जो भी मातृशक्ति इस सामूहिक आयोजन में करवाचौथ का उद्यापन करना चाहती हैं, वे प्रबंधकार्यकारिणी समिति से 21 अक्टूबर 2021 तक संपर्क कर सकते हैं. इसके बाद किसी भी मातृशक्ति के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

बता दे कि : कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का पर्व मनाया जाता हैं. 

करवा चौथ कब है? पांच साल बाद बन रहा शुभ योग, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त व चांद निकलने का समय : ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि पांच साल बाद करवा चौथ रविवार को पड़ रही है. 8 अक्टूबर 2017 को रविवार के दिन ये व्रत रखा गया था. इस साल 24 अक्टूबर 2021 को भी रविवार का दिन है. रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. सूर्य देव के आरोग्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. इस दिन महिलाएं सूर्य देव का पूजन कर पति की दीर्घायु की कामना करें. शुभ मुहूर्त में पूजन करने से व्रती महिलाओं की हर इच्छा पूरी होगी. 

शुभ मुहूर्त :  ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर 2021, रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इस दिन चांद निकलने का समय 8 बजकर 11 मिनट पर है. पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा.

करवा चौथ व्रत की पूजा विधि : सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें. इसके बाद शाम तक न तो कुछ खाना और नाहीं पीना है. पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें. एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं. पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर दें. इसके बाद चांद के दर्शन कर व्रत खोलें.

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क. Anil bagora, Sunil paliwal...✍️

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