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शासन मेट्रो ट्रेन के लिये किया वादा पूरा करें : रुट की समस्या भी हल हो जायेगी : कमल गुप्ता

इंदौर Published by: Paliwalwani Updated Sun, 16 Oct 2022 02:02 PM
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इन्दौर  : लोक परिवहन विकास समिति द्वारा इन्दौर में लोक परिवहन के विस्तार हेतु रिंग में लोकल रेल चलाये जाने का अभियान प्रारम्भ किया गया था। रेल मंत्री, केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री,प्रदेश के मुख्यमंत्री व प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री से प्रतिनिधि मंडल ने मिल कर ज्ञापन दिये थे। मास्टर प्लान 2011  बनाये जाने के पूर्व आमंत्रित आपत्ति पर समिति द्वारा मास्टर प्लान में शहर के चारों तरफ रिंग में लोकल रेल चलाने का प्रावधान समाविष्ट करने का प्रस्ताव व आपत्ति प्रस्तुत की गई थी जिसकी सुनवाई कलेक्टर  कार्यालय  के सभागार में हुई थी।

तात्कालीन सांसद आदरणीय सुमित्राजी महाजन भी मौजूद थी। आपत्ति/प्रस्ताव पर जब समिति ने अपनी बात कही तो सर्वानुमति से यह तय हुआ कि लोकल रेल शहर के बाहर बाहर चलाने के बजाय   मेट्रो ट्रेन शहर के मध्य रिंग में चलाई जावें। तब लोक परिवहन विकास समिति को आपत्ति/प्रस्ताव वापस लेनें के लिये कहा गया ।समिति की ओर से सहमति प्रदान कर  लोकल रिंग रेल की आपत्ति/प्रस्ताव वापस ले लिया गया। बाद में मेट्रो ट्रेन की योजना बनीं और उसका माडल कलेक्टर कार्यालय में प्रदर्शित किया गया।जब माडल में मेट्रो ट्रेन रिंग में नहीं दिखी। तो फिर समिति ने सम्बधितों के समक्ष विरोध प्रगट किया तो यह आश्वासन दिया गया कि यह पहले चरण का माडल है।इतना बनने के बाद मेट्रो का ट्रेक बढ़ाया जायेगा। निश्चित ही मेट्रो का ट्रेक बढ़ाना ही पड़ेगा । इससे सभी आश्वसत भी है।भविष्य में महू पीथमपुर,देवास व उज्जैन भी मेट्रो से जोड़ना ही पड़ेगें।

विगत दिनो जब मेट्रो का काम शुरु हुआ तो गांधी नगर सुपर कारिडोर से एम.आर.10 से बापट चौराहा, मेघदूत रेडिसन होटल रिंग रोड़ तक कार्य हो रहा है। मेट्रो में अब नया विवाद पैदा हो गया है। शास्त्री ब्रिज से एम .जी. रोड़,कोठारी मार्केट,कृष्णपुरा, राजबाड़ा,खजूरी बाजार और  एम.जी.रोड़  के व्यापारी व रहवासी मेट्रो का विरोध कर रहे हैं। एक नया पेंच राजबाड़ा का भी फस गया है।राजबाड़ा पुरात्तव महत्व का होकर धरोहर है। अभी कलकत्ता (कोलकाता) में मेट्रो निर्माण में दस मकानों में दरारें भी आ गई है।

मेट्रो अंडर ग्राउंड चलाई जाये या एलिवेटेड ब्रिज पर चलाई जावें सकरी जगह पर तकलीफ़ तो आयेगी ही।एम.जी.रोड़ इन्दौर का सबसे लम्बा रोड़ है। T. N .C. के नियमों अनुसार शहर का सबसे लम्बा रोड़ सबसे अधिक चौड़ा  याने कम से कम 104  फीट चौड़ा बनना था मगर 60 फीट चौड़ा बन रहा है।इसके विपरित छोटा सा गणेश गंज रोड़ 104 फीट बनाया गया और पंचकुईयां रोड़ व शकरगंज-जिन्सी रोड़ 80 फीट चौड़े बनाये जा रहे हैं।ये शासन की अदूरदर्शिता है।खेर जनता के हित में जनता की राय से रोड़ बने तो बेहतर है। जब एम. जी रोड़  शास्त्री ब्रीज से बड़ा गणपति तक 60 फीट से ज्यादा चौड़ा है ही नही , और होगा भी नहीं।जनता का विरोध भी है। ऐसी स्थिति में मेट्रो के पहले चरण का रुट बदल कर व शासन के मेट्रो ट्रेन को रिंग में चलाने के आश्वासन पर अमल किया जाना चाहिए।

अब मेट्रो ट्रेन पूर्वी रिंग रोड़ से भंवर कुआं,टावर चौराहे से कलेक्ट्रेट, महू नाका गंगवाल बस स्टेंड,होते हुवें बड़े गणपति  से कालानी नगर एयरपोर्ट पर  से गांधी नगर में मिला दिया जाये।तथा रेल्वे स्टेशन को जोड़ने के लिये बंगाली चौराहे से पलासिया,रीगल ,रेल्वे स्टेशन,पटेल प्रतिमा,नेहरु प्रतिमा एम.व्हाय अस्पताल शिवाजी प्रतिमा,जी.पी.ओ. नवलखा,अग्रसेन प्रतिमा,सपना संगिता होते हुवें टावर चौराहे पर मिला दिया जावे।इस तरह शहर चारों तरफ वह मध्य में रेल्वे स्टेशन, एयरपोर्ट,एम.व्हाय सहीत मुख्य क्षेत्रों से जुड़ जायेगा और सुविधाजनक भी होगा।विरोध कर्ताओं की भी समस्या हल हो जायेंगी। सोचेगें ,करेगें तो बेहतर होगा। शहर का हित सर्वोपरि है             

विश्वबंधु कमलगुप्ता एडवोकेट

संयोजक, लोक परिवहन विकास समिति

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