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हाईड्रोसालपिंक्स और 2 बार गर्भपात होने के बाद भी बनाये रखा हौसला, आयुर्वेदिक उपचार से माँ बनने का सपना हुआ सच : डॉ. चंचल शर्मा

स्वास्थ्य Published by: paliwalwani Updated Thu, 15 May 2025 11:09 AM
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माँ बनने का सफर जितना कष्टदाई होता है उतना ही सुखकर भी। एक महिला के लिए माँ बनने का एहसास सबसे खूबसूरत होता है। हमारे समाज में एक शादीशुदा जोड़े का परिवार तभी पूर्ण माना जाता है जब उनको संतानसुख मिल जाए। लेकिन संतान प्राप्ति की यह इच्छा पूरी करने में कुछ लोगों को कई साल लग जाते हैं। 

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने बताया कि उनके पास एक महिला निःसंतानता के इलाज के लिए आई थीं। वह मुरादाबाद की रहने वाली थी। उनकी शादी को 8 साल हो चुके थे और उम्र 34 साल थी। उन्हीने 8 सालों में कई बार गर्भधारण की प्लानिंग की लेकिन कभी माँ नहीं बन पाई। करीब 6 साल पहले जब उन्होंने पहली बार कन्सीव किया था तब किसी कारणवश उनका गर्भपात हो गया था। उसके ठीक एक साल बाद उन्होंने दुबारा कन्सीव किया और फिर से मिसकैरेज हो गया।

इस घटना के बाद उनकी हिम्मत टूट चुकी थी। फिर उन्होंने कई डॉक्टर्स से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि गर्भपात के कारण उनकी ट्यूब्स में सूजन आ गयी और अब वह नैचुरली कन्सीव नहीं कर पाएंगी बल्कि उन्हें माँ बनने के लिए आईवीएफ का सहारा लेना होगा। 

मुसीबत की इस घडी में उनके पति ढ़ाल बनकर हर कदम पर उनके साथ थे। इसलिए उनकी खोयी हुयी उम्मीद धीरे धीरे वापस होने लगी। वह आशा आयुर्वेदा के दिल्ली केंद्र पर डॉक्टर चंचल शर्मा से मिलने आई। डॉक्टर ने उनकी ट्यूब्स की स्थिति, मेडिकल हिस्ट्री और पुराने रिपोर्ट्स को देखते हुए उन्हें यह भरोसा दिलाया कि वह बिना किसी सर्जरी के माँ बन सकती हैं। 

डॉ चंचल शर्मा ने तीन महीने तक डाइट, थेरेपी और आयुर्वेदिक दवाओं की मदद से उनका इलाज किया जिसके परिणामस्वरूप उनकी ट्यूब्स खुल गई। लेकिन इसके बाद उनके सामने एक चुनौती यह थी कि गर्भपात के खतरे को कम किया जाए ताकि उनकी प्रेगनेंसी हेल्थी हो। उन्होंने दो महीने तक दवाइओं और एक्सरसाइज से उन्हें गर्भधारण के लिए तैयार किया। जब स्थिति बिलकुल सामान्य हो गई तब तीसरे उन्होंने प्रेगनेंसी का प्रयास किया और सफलता भी मिली।

प्रेगनेंसी किट में पॉजिटिव लाइन्स देखकर उन्हें अपनी आँखों पर यकीं नहीं हो रहा था। यह सब उनके लिए किसी चमत्कार की तरह था लेकिन आशा आयुर्वेदा की मदद से आगे के नौ महीने भी काफी स्मूथ रहे और उन्होंने एक हेल्थी बच्चे को जन्म दिया। 

डॉक्टर चंचल शर्मा बताती है कि आयुर्वेदिक इलाज से उन्होंने कई ऐसे नाउम्मीद कपल्स को संतानसुख दिया है। उनका मानना है की आयुर्वेदा कोई चमत्कार नहीं करता है बल्कि यह एक चिकित्सा पद्धति है जो पौराणिक काल से चलता आ रहा है। इसलिए निःसंतानता से निराश होने की जरुरत नहीं है क्यूंकि इसका इलाज संभव है।

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