डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे पहले की स्थिति को प्री कहा जाता है। डायबिटीज होने से पहले की इस स्थिति में मरीज का शुगर बॉर्डर लाइन से ज्यादा होता है लेकिन डायबिटीज के स्तर तक नहीं पहुंचता। डायबिटीज से पहले की इस स्थिति में बॉडी में वहीं लक्षण दिखते हैं जो डायबिटीज मरीजों की बॉडी में दिखते हैं। प्री डायबिटीज में इंसुलिन रेजिस्टेंस की शुरुआत होती है जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता। प्री डायबिटीज मरीजों में दिखने वाले लक्षणों की बात करें तो इसमें मरीज को प्यास ज्यादा लगती है, मरीज को हर वक्त थकान होती है, आंखों से धुंधला दिखाई देता है,वजन बढ़ने लगता है, फंगल इंफेक्शन का खतरा रहता है और घाव देरी से भरते हैं।
गर्मी में डायबिटीज मरीजों को प्यास ज्यादा लगती है। ऐसे लोग भर-भरकर पानी पीते हैं लेकिन फिर भी उनकी प्यास नहीं भुजती। प्री डायबिटीज मरीज का गर्मी में ब्लड शुगर का स्तर हाई होने लगता है। वह थका हुआ, कमज़ोर महसूस करता है। ऐसे में मरीज अगर बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए पैकेज्ड जूस, फलों के जूस, सोडा और एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं तो ये उनकी सेहत के लिए खतरा बन जाते हैं।
डायटीशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट कथूरिया ने बताया इन ड्रिंक का सेवन करने से कुछ देर ही प्यास बुझती है लेकिन तेजी से ब्लड शुगर स्पाइक करता है। बॉडी को हाइड्रेट रखना हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन आप किस तरह से हाइड्रेटेड रहते हैं यह बहुत ज्यादा मायने रखता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि गर्मी में भर-भरकर पानी पीने के बाद भी प्यास क्यों ज्यादा लगती है और प्यास बुझाने के लिए क्या करें।
गर्मी में ज्यादातर लोग बॉडी को हाइड्रेट करने के लिए पानी का सेवन ज्यादा करते हैं। लेकिन अचानक से भर-भरकर पानी पीने से शरीर में पानी के प्रवाह से ब्लड में सोडियम का स्तर कम हो सकता है और बॉडी यूरिन के जरिए पानी को बाहर निकाल देती है और पानी शरीर में अवशोषित नहीं होता है। इस सुरक्षात्मक तंत्र को बोलस प्रतिक्रिया (bolus response) कहा जाता है। हालांकि जब आप भोजन और नाश्ते के साथ पानी पीते हैं, तो शरीर तरल पदार्थ को स्टोर रखता है।
गर्मियों में पसीना आने से सोडियम, पोटैशियम और क्लोराइड जैसे ज़रूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की बॉडी में कमी हो जाती है, जो शरीर में तरल पदार्थ के संतुलन को बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा अगर गर्मी में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति नहीं होती है, तो शरीर बॉडी में पानी को प्रभावी ढंग से रोक नहीं पाता।