डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिससे दुनिया भर के 463 मिलियन लोग प्रभावित हैं और इस बीमारी से पीड़ित लगभग 77 मिलियन लोग भारत में रहते हैं. ब्लड शुगर के रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) का महत्व और भी बढ़ जाता है. इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस एडवाइजर जल्दी से जल्दी हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने की सलाह देते हैं. खासकर ऐसे समय में कम उम्र में ही हेल्थ इंश्योरेंस लेना और भी जरूरी हो जाता है जब लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां (Lifestyle Related Diseases) दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं.
डायबिटीज के प्रकार और उनका इंश्योरेंस कवरेज
- टाइप 1 डायबिटीज: इस प्रकार के डायबिटीज में इंसुलिन निर्भरता की आवश्यकता होती है क्योंकि शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि केवल कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ही आमतौर पर टाइप 1 डायबिटीज को कवर करती हैं, हालांकि लगातार चिकित्सा आवश्यकताओं के कारण प्रीमियम अधिक हो सकता है.
- टाइप 2 डायबिटीज: यह आमतौर पर तब होता है जब कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं या जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है. टाइप 2 डायबिटीज को भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा कवर किया जा सकता है.
- टाइप 3 और जेस्टेशनल डायबिटीज: अल्जाइमर से जुड़ा टाइप 3 डायबिटीज स्पष्ट रूप से ज्यादातर योजनाओं के अंतर्गत शामिल नहीं है, जबकि जेस्टेशनल डायबिटीज मैटरनिटी बेनिफिट के अंतर्गत आ सकता है.
डायबिटीज रोगियों के लिए इंश्योरेंस
- पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस हेड सिद्धार्थ सिंघल ने बताया कि डायबिटीज के रोगियों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के कई विकल्प उपलब्ध हैं.
- इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी: कई इंश्योरेंस प्रोवाइडर ऐसी योजनाएं पेश करते हैं जो डायबिटीज जैसी पहले से मौजूद स्थितियों को कवर करती हैं. हालांकि, इन पॉलिसियों में अक्सर कवरेज की प्रकिया शुरू होने से पहले वेटिंग पीरियड होता है, जो आमतौर पर 2 से 4 साल के बीच होता है. इसके अतिरिक्त, नए पॉलिसीधारकों को इंश्योरर और विशिष्ट योजनाओं के आधार पर अलग-अलग मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ सकता है.
- ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी: सिंघल ने बताया कि एंप्लॉयर द्वारा उपलब्ध कराई गई ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में डायबिटीज के लिए कवरेज शामिल हो सकता है. और अगर नहीं है, तो व्यक्ति ऐसे पॉलिसी की तलाश कर सकते हैं जो डायबिटीज के लिए विशिष्ट कवरेज प्रदान करती हों.
- डायबिटीज स्पेसिफिक प्लान: डायबिटीज के रोगियों के लिए कई नए-नए इंश्योरेंस विकल्प अब सामने आ रहे हैं, जो डायबिटीज से पीडि़त व्यक्ति को अधिक कंप्रिहेंसिव कवरेज उपलब्ध कराते हैं.
कितना है प्रीमियम?
हम दिल्ली में रहने वाले 45 साल के व्यक्ति के लिए 10 लाख रुपये के हेल्थ इंश्योरेंस कवर का उदाहरण लेते हैं. निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस के रीएश्योर 2.0 (ReAssure 2.0) का प्रीमियम 15,376 रुपये होगा और सभी बीमारियां पहले दिन से ही कवर की जाएंगी. आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस के एक्टिव हेल्थ प्लैटिनम एनहांस्ड (डायबिटीज) का प्रीमियम 27,630 रुपये है और इसमें 30 दिनों का वेटिंग पीरियड भी है. केयर हेल्थ इंश्योरेंस के केयर सुप्रीम पॉलिसी का प्रीमियम 15,122 रुपये है और वेटिंग पीरियड 30 दिनों का है. मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के प्राइम एक्टिव (डायबिटीज/पीबी/अस्थमा) का प्रीमियम 13,632 रुपये है और इस प्लान के तहत वेटिंग पीरियड 90 दिनों का है.
सिंघल ने कहा कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को हमेशा कम वेटिंग पीरियड वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुननी चाहिए. साथ ही को-पेमेंट्स या सब लिमिट पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह व्यक्ति की जेब पर काफी अधिक असर डाल सकते हैं. साथ ही क्लेम के दौरान आने वाली किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए अपनी मेडिकल हिस्ट्री की पूरी जानकारी बीमा कंपनी को देनी चाहिए.
अगर आप एक रेगुलर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं, तो इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए कि क्या यह डायबिटीज से संबंधित परेशानियों के लिए कवरेज प्रदान करती है या नहीं.