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ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा अब बढ़ता हुआ दिख रहा है : कोरोनावायरस का खतरा एक बार फिर हमारे सामने : डॉ. त्रेहन

दिल्ली Published by: Paliwalwani Updated Tue, 07 Dec 2021 11:17 AM
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नई दिल्‍ली : कोरोनावायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा अब बढ़ता हुआ दिख रहा है. देश में कोरोना की दूसरी लहर में जिस तरह की तबाही देखने को मिली थी, उसके बाद से तीसरी लहर को लेकर काफी डर का माहौल बना हुआ है. विशेषज्ञों की मानें तो ओमिक्रॉन दूसरी लहर के लिए जिम्‍मेदार डेल्‍टा वैरिएंट से तीन गुना तेज रफ्तार से लोगों को संक्रमित कर रहा है. हर कोई अब ये जानना चाहता है कि वायरस कब पीक पर होगा और इसका खतरा कब तक टल सकता है. कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में मेदांता के चेयरमैन डॉक्‍टर नरेश त्रेहन ने विस्‍तार से जानकारी दी है.

डॉक्‍टर त्रेहन के मुताबिक भारत में आई पिछली दो लहरों को देखें तो दोनों लहर के बीच करीब 32 हफ्तों को समय था. पहली लहर के खत्‍म होने के बाद हर किसी को लग रहा था कि कोरोनावायरस खत्‍म हो गया है लेकिन दूसरी लहर के दौरान कोरोना और खतरनाक रूप में सामने आया. ऐसे समय में जब कोरोना का नया वैरिएंट दुनिया के 38 देशों में फैल चुका है और इस वायरस से संक्रमित मरीज भारत में भी आ चुके है, ऐसे में कहा जा सकता है कि कोरोनावायरस का खतरा एक बार फिर हमारे सामने आ चुका है.

डॉ. त्रेहन ने कहा, ओमिक्रॉन कोरोनावायरस सितंबर-अक्‍टूबर से ही फैला हुआ है. इसका अभी तक कोई सबूत नहीं है. डॉ. त्रेहन ने कहा पहले के दोनों वैरिएंट पर नजर दौड़ाए और उनकी रफ्तार के साथ ओमिक्रॉन के पीक का अनुमान लगाया जाए तो नया वैरिएंट जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में पीक पर होगा. ऐसी संभावना हैं कि ये लहर फरवरी तक समाप्त हो जाएगी. हालांकि अभी तक इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सका है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कितना खतरनाक होगा.

  • अभी तक ओमिक्रॉन के हल्‍के लक्षण ही दिखाई पड़े हैं

भारत में भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस बढ़ रहे हैं. अब तक देश में इस नए वैरिएंट के 21 केस मिल चुके हैं. डॉ. त्रेहान ने कहा है, हमें लग रहा है कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन वेरिएंट का संक्रमण हुआ है, उनमें लक्षण आज तक हल्‍के मिले हैं. उनको कोई ज्यादा बुखार नहीं है. कोई ज्यादा तकलीफ नहीं है. सांस लेने में भी दिक्कत नहीं है. इसमें हॉस्पिटल में आने की जरूरत बहुत कम पड़ रही है और लोगों का इलाज घर पर ही हो रहा है.’ उन्‍होंने कहा, ‘जो ओमिक्रॉन से संक्रमित निकल रहे हैं, उनको आइसोलेट किया जा रहा है ताकि दूसरों को यह ना फैले.

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