दिल्ली. देशभर के विभिन्न राज्यों से आए अभ्यर्थियों ने SSC परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली में प्रदर्शन किया था। अभ्यर्थियों के समर्थन में कई कोचिंग संस्थानों के शिक्षक भी मैदान में उतरे और सभी कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पारदर्शिता व सुधार कीमांग को लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के कार्यालय के बाहर जुटे।
अब इस मामले में नया घटनाक्रम सामने आया है। सोमवार शाम, कुछ प्रमुख कोचिंग सेंटर्स के टीचर्स ने केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और SSC अध्यक्ष गोपालकृष्णन से मुलाकात की। इस बैठक में परीक्षा प्रक्रिया से जुड़ी खामियों और छात्रों की समस्याओं को लेकर गंभीर चर्चा हुई।
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) से जुड़ी परीक्षाओं में अनियमितताओं और तकनीकी खामियों को लेकर शिक्षकों ने केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री ने शिक्षकों की बात मान ली है।
बैठक के दौरान शिक्षकों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने आश्वासन दिया कि अगर परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों में गलती पाई जाती है, तो प्रत्येक गलत प्रश्न पर छात्रों को ₹100 की राशि लौटाई जाएगी। अब अगर उत्तर सही हुआ तो उसका पूरा पैसा वापस मिलेगा। साथ ही, CPU आधारित परीक्षाओं के परिणाम एक सप्ताह के भीतर घोषित करने की बात भी तय हुई है।
मंत्री ने यह भी कहा कि वेटिंग लिस्ट की जगह अब ‘स्लाइडिंग रैंक सिस्टम’ लागू किया जाएगा, जिससे अधिक पारदर्शिता आएगी। वहीं, SSC CGL परीक्षा 13 अगस्त से पहले घोषित कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित की जाएगी, इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों ने बताया कि SSC परीक्षा में बैठे लगभग 5 लाख छात्रों में से 55 हजार अभ्यर्थी सीधे तौर पर तकनीकी खामियों से प्रभावित हुए हैं, जिनकी सूची तैयार की जा रही है। बैठक के अंत में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “परीक्षा संचालन की जिम्मेदारी शिक्षकों की होनी चाहिए, न कि परीक्षा प्रणाली के विक्रेताओं की चिंता करने की।