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संविदा कर्मचारियों को झटका : हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

भोपाल Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Fri, 30 Aug 2024 01:51 AM
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भोपाल. संविदा कर्मचारियों की सेवा अवधि पर एमपी हाईकोर्ट ने नया आदेश जारी कर दिया है. हाईकोर्ट ने इस महत्वपूर्ण आदेश में साफ कर दिया कि संविदा कर्मचारी निर्धारित समयावधि खत्म होने के बाद सेवा समाप्ति के लिए सुरक्षा का दावा नहीं कर सकते.

हाई कोर्ट की युगलपीठ ने कहा कि निर्धारित अवधि के बाद संविदा कर्मचारी को हटाना प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन नहीं है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सक्सेना व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने उक्त निर्देश राज्य शासन की अपील स्वीकार करते हुए जारी किए हैं.

दरअसल, राज्य शासन की ओर से दायर अपील में कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने साल 2010 में डाटा एंट्री के 50 पद दो साल की संविदा नियुक्ति के लिए सृजित करते हुए विज्ञापन जारी किए थे. याचिकाकर्ताओं ने आवेदन पेश किया गया था और वह सफल हुए थे. साल 2011 में 50 पदों पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी.

वर्ष 2013 में सभी कर्मचारियों की संविदा अवधि दो साल तक बढ़ा दी गई थी. वर्ष 2016 में सिर्फ 21 कर्मचारियों की सेवा अवधि बढ़ाने के आदेश जारी किए गए थे. आयुक्त योजना एवं सांख्यिकी विभाग ने साल 2018 में सभी संविदा नियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी किए थे.

इसके विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की एकलपीठ ने अपने आदेश में संविदा नियुक्ति निरस्त किए जाने के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ताओं को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के आदेश जारी किए थे।

इसके विरुद्ध उक्त अपील दायर की गई थी। हाई काेर्ट की युगलपीठ ने अपील को स्वीकार करते हुए एकलपीठ के पूर्व आदेश को निरस्त कर दिया।

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