भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई. मंत्रि-परिषद ने प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे (Narmada Expressway) को मध्यप्रदेश में नर्मदा प्रगति पथ के रूप में स्वीकृति दी. साथ ही प्रदेश में नर्मदा एक्सप्रेस-वे के एकरेखण प्रस्ताव अनुसार विभिन्न खण्डों में मार्ग की श्रेणी, चौड़ाई एवं प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने के लिये फीडर रूटस के निर्माण के प्रस्ताव का अनुमोदन एवं भारत शासन से समन्वय कर स्वीकृति प्राप्त करने के लिये लोक निर्माण विभाग को अधिकृत किये जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई.
साथ ही नर्मदा प्रगति पथ पर औद्योगिक क्षेत्रों के विकास कार्यों के वित्त पोषण एवं निवेश प्रोत्साहन के उददेश्य से कार्य-योजना बनाकर क्रियान्वयन करने के लिये औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग को अधिकृत किये जाने का अनुमोदन किया गया।
स्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे के एकरेखण कबीर चबूतरा (अमरकंटक) से प्रारंभ होकर डिंडोरी-जबलपुर-औबेदुल्लागंज- बुधनी- नसरुल्लागंज-संदलपुर- करनावद- इंदौर- धार-सरदारपुर- झाबुआ (म.प्र./गुजरात सीमा) तक प्रस्तावित है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 906 कि.मी. है। प्रस्ताव अनुसार कबीर चबूतरा से डिण्डोरी तक 76 कि.मी. 2 लेन, डिण्डोरी से जबलपुर 155 कि.मी. 2 लेन, जबलपुर बायपास ग्रीनफील्ड 18 कि.मी. 4 लेन, जबलपुर से औबेदुल्लागंज 269 कि.मी. 4 लेन, औबेदुल्लागंज से बुधनी 32 कि.मी. 4 लेन, बुदनी-रेहटी-नसरूल्लागंज 53 कि.मी. 2 लेन, नसरूल्लागंज से संदलपुर 35 कि.मी. प्रस्तावित 4 लेन, संदलपुर से करनावद 60 कि.मी. 4 लेन, करनावद से इंदौर 33 कि.मी. 4 लेन और इंदौर-धार-झाबुआ-म.प्र./गुजरात सीमा 175 कि.मी. 4 लेन रखने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है।
मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए एमपी स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना 2022 सह प्रक्रिया एवं दिशा-निर्देश का अनुमोदन किया गया। नीति अन्तर्गत स्टार्ट-अप एवं इन्क्यूबेटर्स को वित्तीय एवं गैर वित्तीय सुविधा एवं सहायता तथा फेसिलिटेशन का प्रावधान किया गया है।
मंत्रि-परिषद द्वारा विकासखण्ड बडवाहा, जिला खरगोन में नवीन आईटीआई की स्थापना के लिये प्रस्तावित 19 प्रशिक्षकीय और 11 प्रशासकीय पदों को सृजन की स्वीकृति एवं आपेक्षित आवर्ती व्यय के वित्तीय प्रावधान की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय अनूपपुर में एक नवीन सिविल संकाय प्रारंभ करने के लिये 8 पदों (4 पद वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं 4 पद वित्तीय वर्ष 2023-24) के सृजन की स्वीकृति और अपेक्षित आवर्ती व्यय लगभग 488 लाख 3 हजार रूपये के वित्तीय प्रावधान की स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रि-परिषद द्वारा इंजीनियरिंग महाविद्यालय जबलपुर में दो नवीन पाठ्यक्रमों के संचालन के लिये प्रस्तावित 24 शैक्षणिक पद, सहायक अमले के 14 पद तथा 6 पद जिलाध्यक्ष द्वारा निर्धारित दर पर आउटसोर्स पर सृजन की स्वीकृति एवं अपेक्षित आवर्ती व्यय लगभग 349 लाख 40 हजार रूपये के वित्तीय प्रावधान की स्वीकृति प्रदान की गई। तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अन्तर्गत शासकीय, स्वशासी/महिला पॉलीटेक्निक महाविद्यालयों में दस से तीस वर्ष पूर्व समय-समय पर प्रारम्भ किये गये पाठ्यक्रमों में 181 शैक्षणिक पदों के सृजन की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।