भोपाल.
मध्य प्रदेश में मोदी की गारंटी लागू (Modi’s guarantee implemented in Madhya Pradesh) करने के लिए भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Union) ने डॉ मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav government) को सख्त चेतावनी दी है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि चुनाव घोषणा पत्र के मुताबिक अन्नदाताओं को गेहूं का मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान का मूल 3100 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाए. भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने साफ कहा है कि सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाए अन्यथा किसान आंदोलन की राह पकड़ेंगे.
दरअसल, मध्य सरकार द्वारा इस सीजन के लिए गेंहू का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है, जिससे भारतीय किसान संघ भड़क गया है.संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने कहा कि मोदी की गारंटी के नाम पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल गेंहू के दाम किसानों को देने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी. इसी प्रकार धान के समर्थन मूल्य 2100 रुपये पर 1000 बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया गया था. जबकि, कांग्रेस ने गेंहू का मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल देने कहा था.
गौर के मुताबिक मोदी की गारंटी के नाम पर किसानों ने बीजेपी को वोट दिया.इसके बाद मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकार बन गई. शिवराज सिंह चौहान की जगह पार्टी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बना दिया.लेकिन चुनाव जीतने की बात भारतीय जनता पार्टी और डॉक्टर मोहन यादव की सरकार किसानों के लिए मोदी की गारंटी को भूल गई.अब प्रदेश का अन्नदाता भारतीय किसान संघ के बैनर तले मोदी की गारंटी के नाम पर घोषित गेंहू का मूल्य 2700 और धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल लेने के लिए आंदोलन की राह पर चल पड़ा है.
भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने साफ कहा है कि सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाए.यह कैसी मोदी की गारंटी है? उन्होंने कहा कि सरकार दुनिया में भारत की अर्थ व्यवस्था को पावरफुल ग्लोबल इकानॉमी होने की बात करती है. मध्य प्रदेश व देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है.फिर भी सरकारों के पास किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देने को पैसा नहीं है.
किसान संघ ने साफ कहा कि प्रदेश का किसान अब और इंतजार नहीं करेगा. भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने प्रदेश के तीनों प्रांतों के कार्यकर्ताओं व किसानों के नाम पर पत्र लिखा है.उन्होंने किसानों और कार्यकर्ताओं से कहा है कि प्रदेश सरकार किसानों को चुनाव घोषणा पत्र के मुताबिक मूल्य देने के मूड में नहीं है. इसलिए आंदोलन का ही रास्ता बचा है.
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि संघ के कार्यकर्ताओ ने गांव-गांव जाकर जनजागरण अभियान शुरू कर दिया है. चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई है. पहले जिला मुख्यालयों पर ज्ञापन कार्यक्रम होंगे और मांगे नहीं माने जाने पर वृहद स्तर पर प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. किसान संघ आंदोलन की तिथि शीघ्र करेगा.