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Sawan Ekadashi: सावन में कब-कब पड़ रही है एकादशी? जानें तिथि, व्रत का महत्व और पारण समय

ज्योतिषी Published by: Paliwalwani Updated Fri, 04 Jul 2025 01:29 PM
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Sawan 2025 Ekadashi Dates: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस सालका महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 9 अगस्त को होगा। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इसमें की जाने वाली पूजा-अर्चना को अत्यंत फलदायी माना गया है। खासकर सावन सोमवार व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है। वहीं, श्रावण मास में भगवान विष्णु और शिव दोनों की आराधना का विशेष महत्व होता है। इस माह में सावन सोमवार व्रत के साथ-साथव्रत एकादशी व्रत भी खास माने गए हैं। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है कि सावन में एकादशी व्रत करने से भगवान शिव और श्रीहरि विष्णु दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस पावन मास में एकादशी व्रत कब-कब रखा जाएगा।

सावन में कौन-कौन सी एकादशी आएगी?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष में कामिका एकादशी व्रत और शुक्ल पक्ष में पुत्रदा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

कामिका एकादशी 2025 तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 20 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 21 जुलाई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई को रखा जाएगा।

कामिका एकादशी व्रत पारण समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत का पारण 22 जुलाई को सुबह 05 बजकर 37 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक किया जाएगा।

पुत्रदा एकादशी 2025 तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 04 अगस्त को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 05 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त को रखा जाएगा।

पुत्रदा एकादशी व्रत पारण का समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 06 अगस्त को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से सुबह 08 बजकर 26 मिनट तक किया जाएगा।

एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। पुत्रदा एकादशी विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है। वहीं, कामिका एकादशी को पापों से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। एकादशी तिथि के दिन तुलसी, शंख और गंगाजल से भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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