राजसमन्द
महर्षि दाधीच प्रशिक्षण महाविद्यालय में ब्रजभाषा काव्य गोष्ठी सम्पन्न
suresh bhat
राजसमंद। श्रीद्वारकेश राष्ट्रीय साहित्य परिषद कांकरोली एवं राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय ब्रजभाषा काव्य गोष्ठी के तहत द्वितीय दिन गुरुवार को जिला मुख्यालय के समीपवर्ती भावा स्थित महर्षि दाधीच प्रशिक्षण महाविद्यालय में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. राकेश तेलंग ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्राचार्य डॉ. ज्योत्सना शर्मा, विशिष्ट अतिथि प्रमोद सनाढ्य तथा संस्थान निदेशक सलीम खान पठान थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां शारदे की छवि के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर कर व बालिओं के सरस्वती वंदना के साथ किया गया। संस्थापक फतहलाल गुर्जर अनोखा ने ब्रज गीतों में रसिया, लांगूर, हवेली संगीत तथा लोकगीतों के महत्व को सहउदाहरण समझाया। जादूगर गोविंद जादूगर ने जादूई करतब दिखाकर तालियां बटौरी तो दुर्गाशंकर मधु ने रास के गीत हांजी कोई ले गयौ चीर हमारै... प्रस्तुत किया। कमलचन्द्र कमल ने राधा से मिलबे गेह धाये काना... लोकगीत प्रस्तुत किया। फतहलाल अनोखा ने होरी कौ रसिया, रसिया मत करियौ बरजोरी, काहू दिना ऐसो मारुंगी... से खूब वाहावाही लूटी। मानस्वी व्यास ने बाजत आज बधाई गौकुल में...कीर्तन साज पर गाया जिसमें तबला संगत कमल सांचीहर एवं हारमोनियम संगत दाऊ पालीवाल ने दी। गीत गायन में प्रमोद सनाढ्य, धीरेन्द्र शर्मा व शिल्पी ने भी भाग लिया। इस असर पर पीदान आरजू, गौरव पालीवाल, धमेन्द्र बन्धु, सूर्य प्रकाश दीक्षित, सलीम खान पठान सहित गिरीश व्यास, अब्दुल हमीद शेख आदि उपस्थित थे। संयोजन प्राचार्या डॉ. ज्योत्सना शर्मा एवं आभार फतहलाल अनोखा ने ज्ञापित किया।
पालीवाल वाणी ब्यूरो-सुरेश भाट्
आपकी बेहतर खबरों के लिए मेल किजिए-
Email-paliwalwani2@gmail.com
09977952406,09827052406
पालीवाल वाणी की खबर रोज अपटेड
पालीवाल वाणी हर कदम...आपके साथ...