मुम्बई
धोखाधड़ी मामला में समीर वानखेड़े को दिया पुलिस के सामने पेश होने के निर्देश : बॉम्बे हाई कोर्ट
Paliwalwaniमुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज मंगलवार को ठाणे पुलिस को निर्देश दिया कि वह नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ 28 फरवरी 2022 तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करे. अदालत ने यह निर्देश 1997 में अपने रेस्टोरेंट और बार के लिए शराब लाइसेंस प्राप्त करते समय धोखाधड़ी और जानबूझकर गलत जानकारी देने के आरोप में दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में दिया हैं.
कोर्ट ने कहा कि समन का पालन करते हुए वानखेड़े को 23 फरवरी 2022 (बुधवार) को ठाणे पुलिस के समक्ष पेश होना होगा. इसके साथ ही पीठ ने उन्हें जांच में अपना पूरा सहयोग देने को कहा. पीठ ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर गौर किए बिना, मामले के तथ्यों और विशेष परिस्थितियों में, किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम संरक्षण दिया जा सकता हैं.
जस्टिस शिंदे ने कहा, ’कई कैदी वर्षों से जेल में बंद हैं और हम उनकी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर पा रहे हैं. ’वहीं न्यायमूर्ति बोरकर ने 1997 के मामले में वानखेड़े को हिरासत में लेने की पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, यह 1997 का अपराध हैं. आप (पुलिस) अब क्या करने जा रहे हैं. लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने अदालत को सूचित किया कि पुलिस ने 20 फरवरी 2022 को वानखेड़े को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी कर 23 फरवरी 2022 को पेश होने के लिए कहा था.