मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश अपडेट : बुरहानपुर में 113 करोड़ के होंगे विकास कार्य : पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस

Ayush Paliwal
मध्यप्रदेश अपडेट : बुरहानपुर में 113 करोड़ के होंगे विकास कार्य : पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस
मध्यप्रदेश अपडेट : बुरहानपुर में 113 करोड़ के होंगे विकास कार्य : पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस

बुरहानपुर. मध्यप्रदेश की पुनर्घत्वीकरण योजना बुरहानपुर के धरातल पर उतरने जा रही है. योजनांतर्गत शहर के विकास एवं नवीनीकरण को चरणबद्ध रूप में मूर्तरूप मिल सकेंगा. बुरहानपुर में करीब 113 करोड़ रूपए के विकास कार्य होंगे. उक्त बात मध्यप्रदेश की पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने भारतीय जनता पार्टी जिला बुरहानपुर द्वारा आयोजित ‘‘प्रेसवार्ता‘‘ को संबोधित करते हुए कही.

इस दौरान नेपानगर विधायक श्रीमती सुमित्रा कास्डेकर, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विशेष आमंत्रित सदस्य ज्ञानेश्वर पाटिल, विजय गुप्ता, पूर्व विधायक रामदास शिवहरे, जिला पंचायत अध्यक्ष गायत्री पाटीदार, नेपानगर नगर पालिका अध्यक्ष राजेश चौहान, पूर्व महापौर अतुल पटेल, निवृत्तमान महापौर अनिल भोंसले, निवृत्तमान नगर निगमाध्यक्ष मनोज तारवाला, जनपद पंचायत अध्यक्ष किशोर पाटिल, खकनार जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निर्मला प्रकाश जावड़ेकर, दिलीप श्रॉफ, बलराज नावानी,युवराज महाजन, राजू जोशी, मुकेश शाह, वीरेन्द्र तिवारी, संभाजीराव सगरे, रूद्रेश्वर एंडोले सहित अन्य जनप्रतिनिधि व पार्टी पदाधिकारीगण ने उक्त योजना की स्वीकृति पर अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान का आभार व्यक्त किया।

मध्यप्रदेश अपडेट : बुरहानपुर में 113 करोड़ के होंगे विकास कार्य : पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस

● जीर्णशीर्ण संरचनाओं के पुनरूत्थान : उक्त संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि बुरहानपुर में पुनर्घत्वीकरण योजना-2016 को मूर्तरूप मिलने हेतु 2 अक्टूबर 2017 को हुई बैठक में जीर्णशीर्ण संरचनाओं के पुनरूत्थान हेतु निर्णय लिए गए। 16 अक्टूबर 2017 को माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह जी चौहान को पत्र प्रेषित कर योजना की स्वीकृति के लिए अनुरोध किया गया था। जिला स्तरीय समिति द्वारा पीपीआर तैयार कर 23 फरवरी 2018 को शासन को प्रस्तुत की गई। शासन से स्वीकृति उपरांत इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर दिनांक 4 अक्टूबर 2018 को साधिकार समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना को मूर्तरूप दिलाने हेतु दिवंगत सांसद स्व.नंदकुमारसिंह जी चौहान का महती योगदान रहा। श्रीमती चिटनिस ने बताया कि इस योजना को मात्र एक वर्ष में स्वीकृति मिल सकी, जिसके लिए मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष श्री कृष्ण मुरारी मोघे जी का विशेष सहयोग रहा।श्रीमती चिटनिस ने बताया कि वर्तमान में इस योजना में स्वीकृति अनुसार भूमि का मूल्य का आंकलन गाईडलाईन की दर के अनुसार किया गया। जिसमें जिला चिकित्सालय के जीर्णशीर्ण भवन की भूमि, तहसील-जनपद कार्यालय एवं आयुर्वेदिक कॉलेज की जमीन का चयन कर इनकी आंकलित कीमत की निर्धारित राशि लगभग 97 करोड़ के वर्ष 2019 में दो बार निविदाएं आमंत्रित की गई। जिसमें किसी ने भाग नहीं लिया। पुनःइसकी समीक्षा करने पर तीन भागों में विभक्त कर पुनःनिविदाएं आमंत्रित की गई। जिसमें जिला चिकित्सालय की 40 करोड़ की भूमि के विरूद्ध 54.25 करोड़ तथा तहसील-जनपद भूमि की 35 करोड़ भूमि के विरूद्ध 47 करोड़ के ऑफर प्राप्त हुए। जिसे शासन से दिनांक मई 2021 को स्वीकृति दी गई। इससे शासन को 101 करोड़ रूपए प्राप्त होंगे। इससे लगभग 82 करोड़ के निर्माण प्रस्तावित है तथा शेष राशि शासन मद में जमा की जाएगी। इसी के साथ तृतीय पैकेज की निविदा भी आमंत्रित कर दी गई है, इससे 12 से 15 करोड़ रूपए की राशि शासन को प्राप्त हो सकेंगी। पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि उक्त योजनांतर्गत संयुक्त जिला कार्यालय के प्रथम तल पर शेष कार्य एवं द्वितीय तल पर निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही दो नई तहसील शहरी एवं ग्रामीण भवनों का निर्माण, जनपद पंचायत कार्यालय भवन, पुराने नेहरू अस्पताल के स्थल पर 30 बिस्तर के आधुनिक अस्पताल का निर्माण, स्पोर्टस कॉम्पलेक्स का निर्माण तथा 62 आवासीय भवनों का निर्माण किया जाएगा। क्या है पुनर्घत्वीकरण योजना पूर्व मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि मध्यनप्रदेश की पुनर्घत्वीकरण योजना हेतु वर्ष 2001 में नीति बनाई गई थी। जिसमें प्रदेश में क्रियान्वयन उपरांत प्राप्त अनुभव के आधार पर 2004 एवं 2016 में आवश्यक परिवर्तन संशोधन कर लागू किया गया। इस नीति का मूल उद्देश्य शहर के विकास एवं नवीनीकरण को चरणबद्ध रूप में मूर्तरूप देना है। इस हेतु शासकीय संपत्तियां जो जीर्णशीर्ण अवस्था में है तथा जिनके रखरखाव में शासन का अनावश्यक व्यय हो रहा है उन्हें भविष्य के विस्तार को दृष्टिगत रखते हुए एवं शहर की विकास की गतिविधियों को मूर्तरूप देने हेतु उक्त स्थलों का चयन कर उन्हें नवीन स्वरूप प्रदान करना। चूंकि उक्त कार्यां के क्रियान्वयन हेतु शासन को धन की आवश्यकता रहती है तथा उक्त धन हेतु अनावश्यक ऋणों के बोझ को शासन को वहन करना पड़ता है। इन सब कठिनाईयों को हल करने हेतु ऐसे जीर्णशीर्ण संरचनाओं को पुननिर्माण एवं शहर के विकास हेतु आवश्यक संसाधन जुटाने के लिए उक्त पुनर्घत्वीकरण नीति का निर्धारण किया गया। उन्हांने बताया कि वर्तमान में इस योजना के प्रदेश के कई शहर जैसे रीवा, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन को विकास की नई गतिविधी और शहर एवं शहरवासी लाभान्वित हुए है। इसी तारतम्य में बुरहानपुर शहर भी लाभान्वित होने जा रहा है।

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क.Ayush Paliwal...✍️

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