इंदौर
राजस्व विभाग : महापौर की नाराजगी का शिकार हुए अभिषेक गेहलोत : अधिकारियों को दिखाई अपनी ताकत
Paliwalwaniइंदौर :
- चुनावी माहौल और अधिकारियों ने राजनेताओं की ना सुनना भारी पड़ा. कई जानकार बताते है कि राजस्व विभाग में दिनांक 13 जून 2023 को जारी ट्रांसफर सुची में कई बेहतर काम करने वालों को बिना कारण के इधर-उधर कर दिया था. जिससे काम करने वालों का मनोबल तो कम हुआ ही साथ कई तरहा की चर्चा भी होने से निगम की छबि खराब हुई.
- कई बिल कलेक्टर और वसुली सहायकों का काम बेहतर होने के बावजूद कई तरहा के आरोपों की चर्चा महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव के कानों तक पहुंची थी. इस को लेकर महापौर ने पुन : सुची में संशोधन और बेहतर काम करने वालों को पुन : उसी जगह करने के साथ-साथ कुछ कर्मचारियों की शिकायत के चलते हटाने की चर्चा निगम गलियारों हो रही थी. लेकिन अपर आयुक्त इस बात को लेकर ध्यान नहीं दे रहे थे. निगम पार्षदों के फोन उठाना भी बंद कर दिया था. जिसको लेकर महापौर काफी नाराज बताए जा रहे थे.
दिनांक 13 जून 2023 को जारी ट्रांसफर सुची में कई बेहतर काम करने वालों को बिना कारण के इधर-उधर कर दिया था. जिससे काम करने वालों का मनोबल तो कम हुआ ही साथ कई तरहा की चर्चा भी होने से निगम की छबि खराब हुई. कई बिल कलेक्टरों की शिकायत के बाद भी नहीं हटाया वहीं बेहतर वसुली करने वाले कर्मचारियों को हटाना भी ट्रांसफर का एक हिस्सा हैं. अभी कई अधिकारियों का ट्रांसफर की चर्चा जोरों पर है.
नगर निगम के अपर आयुक्त राजस्व विभाग अभिषेक गेहलोत का तबादला नगर निगम में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है. चर्चा इसलिए भी है कि अभिषेक गेहलोत को नगर निगम में आए अभी 1 वर्ष भी पूरा नहीं हुआ है और उन्हें हटा दिया गया. जबकि निगमायुक्त हर्षिका सिंह के विश्वस्त अधिकारियों में अभिषेक गेहलोत भी शामिल थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिषेक गेहलोत महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव की नाराजगी का शिकार बन गए.
बताया जाता है कि पिछले दिनों महापौर ने राजस्व विभाग से संबंधित कोई काम गेहलोत को करने के लिए कहा था. जिसे गेहलोत ने नजरअंदाज कर दिया. महापौर ने निगम अधिकारियों में अपनी पकड़ बनाने के लिए इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया और पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गेहलोत की लिखित शिकायत की थी. महापौर की इसी शिकायत के आधार पर उन्हें यहां से हटाया गया है. गेहलोत के बहाने महापौर ने नगर निगम के अन्य अधिकारियों को भी यह संदेश दे दिया है की उनकी नहीं सुनने का खामियाजा क्या हो सकता है.