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जबलपुर के टेक्नेशियन की भावभीनी यादों में जिंदा हैं आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई
Paliwalwaniनितिन देसाई ने फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन व प्रोडक्शन डिजाइन को स्टारडम किया। उनसे पूर्व हिन्दी सिनेमा में बड़े व उत्कृष्ट आर्ट डायरेक्टर हुए लेकिन फिल्म देखते हुए तब कोई यह ध्यान नहीं देता था कि आर्ट डायरेक्टर या प्रोडक्शन डिजाइनर कौन है। जब से नितिन देसाई सफल होना शुरु हुए तब से दर्शक इस ओर ध्यान देने लगे कि फिल्म का आर्ट डायरेक्टर कौन है। नितिन देसाई ने आर्ट डायरेक्शन को हिन्दी सिनेमा में इतना सम्मान दिलाया कि उनका नाम फिल्म की शुरुआत में टाइटल में सिंगल रूप से आता था।
कौन बनेगा करोड़पति का सेट किया था डिजाइन-टीवी सीरियल तमस से शुरुआत करने वाले नितिन देसाई को हम सलाम बाम्बे, परिंदा, 1942 लव स्टोरी, लीजेंड ऑफ भगत सिंह, देवदास, मुन्ना भाई एमबीबीएस और टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति के आर्ट डायरेक्टर के रूप में जानते-पहचानते हैं। प्रोडक्शन डिजाइनर के रूप में उन्होंने लगान, देवदास, पानीपत, जोधा अकबर, प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्म को मूर्त रूप दिया। मुंबई के पास कर्जत में उनका ND स्टूडियो सभी सुविधाओं से परिपूर्ण था।
दयालु व मददगार-नितिन देसाई एक उत्कृष्ट इंसान थे। हिन्दी सिनेमा में उन्होंने टेक्निशियनों के हित की लड़ाई हर समय लड़ी। नितिन देसाई फिल्म से जुड़े हुए छोटे-छोटे टेक्निशयनों के हित के लिए भिड़ जाते थे। कुछ ऐसी ही यादें जबलपुर के चित्रकार और फिल्म व टीवी में लम्बे समय तक आर्ट डायरेक्शन से जुड़े हुए शरणजीत गुरू की है। शरणजीत गुरू अभी तक समझ ही नहीं पा रहे जो व्यक्ति ऊर्जा से लबरेज़ रहा है, फिल्म इंडस्ट्री के मजदूरों तक के हितों के लिए लड़ा हो, वह आत्महत्या जैसे कदम उठा सकता है।
शरणजीत गुरू ने नौवे दशक में नितिन देसाई के साथ खूब काम किया। वे नितिन देसाई के आर्ट डायरेक्शन में मंसूर खान की ‘ज़ोश’, करीब, हुतूतू, वज़ूद फिल्म में अस्सिटेंट रहे थे। ले आउट डिजाइन करने वाले शरणजीत गुरू ने कहा कि नितिन देसाई अपने सहयोगियों को स्वतंत्रता के साथ काम करने का अवसर देते थे। वे अपने जूनियरों की बात व सलाह को तवज्जो देते थे। नितिन देसाई अपने साथ काम करने वालों की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते थे। वे सेट पर आ कर सबसे पहले पूछते थे कि उन लोगों ने खाना खाया कि नहीं।
वे लोगों को खासतौर से जूनियर कलाकारों व टेक्नेशियनों को काम दिलवाने में हर समय आगे रहते थे। शरणजीत गुरू ने कहा कि नितिन देसाई ने हिन्दी सिनेमा में आर्ट डायरेक्शन को बिल्कुल नई दिशा दी। शरणजीत गुरू ने बताया कि नितिन देसाई की सफलता की वजह उनका गणेश पंडाल में किया गया काम था। बंबई के विशाल गणेश पंडाल में उनकी परिकल्पना जिस प्रकार साकार होती थी, उसी का और वृहद् रूप में उनके आर्ट डायरेक्शन में हिन्दी फिल्मों में देखने को मिला।
ND स्टूडियो में रोहित झा ने ऐड फिल्म में संभाला था कला पक्ष-जबलपुर में नाटकों में कला पक्ष संभालने वाले रोहित झा वर्तमान में फिल्म, टीवी सीरियल व वेब सीरिज में आर्ट डायरेक्शन कर रहे हैं। उन्होंने नितिन देसाई के साथ काम तो नहीं किया लेकिन उनके ND स्टूडियो में आर्ट डायरेक्शन करते वक्त उनकी मुलाकात होती रही है। रोहित झा कहते हैं कि नितिन चंद्रकांत देसाई भारतीय सिनेमा जगत के एक बहुमुखी प्रतिभाशाली और सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक और प्रोडक्शन डिज़ाइनर थे। ये भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की अपूरणीय क्षति है।
रोहित को उनके साथ काम करने का कभी अवसर तो नहीं मिला पर, वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि एक बार एनडी स्टूडिओ कर्जत में एक ऐड फिल्म शूट के दौरान उनकी मुलाकात हुई। नितिन देसाई द्वारा बनाई गई दुनिया में जाकर उनके काम को देख पाना रोहित के लिए अविस्मरणीय अनुभव था। रोहित झा ने सोचा था कि एक बार जरूर उनके सानिध्य में काम करने का मौका मिलेगा। जो कि संभव नहीं हो पाया। रोहित जैसे नए कला निर्देशकों के लिए वे एक प्रेरणा स्वरूप थे। रोहित का मानना है कि फिल्मों में कला निर्देशक की एक अहम् भूमिका होती है और नितिन सर और उनका काम इसका जीता जागता उदाहरण है। नितिन देसाई ने अपने कला जीवन के 36 वर्ष फिल्म इंडस्ट्री को दिए। बहुत सारे टीवी सीरियल,फिल्में, वेब सीरीज में उनका काम देखने को मिलता रहा। बतौर कला निर्देशक और प्रोडक्शन डिज़ाइनर रोहित झा को उनसे कला निर्देशन और प्रोडक्शन डिज़ाइन इन दोनों के काम को समझने में नितिन देसाई के इंटरव्यू और अनुभव से बहुत मदद मिली।