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69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई मार्च दूसरे सप्ताह में... सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत...!

paliwalwani
69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई मार्च दूसरे सप्ताह में... सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत...!
69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई मार्च दूसरे सप्ताह में... सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत...!

नई दिल्ली.

69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से अभ्यर्थी निराश हैं. सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होनी थी. लेकिन समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. अब इस प्रकरण की सुनवाई मार्च 2025 के पहले सप्ताह में होगी.

69000 भर्ती से सम्बंधित मामले में आज विपक्ष लंच के बाद केस मेंशन कराने की कोशिश कर रहा था, जज साहब ने कहा की मार्च के पहले हफ्ते में केस मेंशन कराएं इसके पहले समय नही है. अगली सुनवाई मार्च में.

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे, अमरेंद्र पटेल ने कहा की इस प्रकरण के निस्तारण के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट में लंबी-लंबी डेट मिल रही. अमरेंद्र ने कहा कि हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी पिछले लगभग चार वर्ष से लगातार संघर्ष कर रहे हैं.

सरकार से मांग करते हैं, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी जा रही। सुनवाई न होने से सभी अभ्यर्थी आहत हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए निवेदन करें, नहीं तो हम विधानसभा सत्र के दौरान पूरे प्रदेश के अभ्यर्थियों के साथ विधानसभा का घेराव करेंगे.

उन्होंने कहा की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में विसंगति के कारण हम अभ्यर्थी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं, जबकि हमें हाईकोर्ट डबल बेंच ने न्याय देते हुए फैसला हमारे पक्ष में सुनाया हैं. सरकार की लापरवाही के कारण यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में चला गया है.

हाईकोर्ट डबल बेंच का फैसला आने से पहले भी अभ्यर्थियों ने 640 दिन लगातार धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल और मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों के आवासों का घेराव भी किया था. अब एक बार फिर 25 जनवरी 2025 से इन अभ्यर्थियों का धरना इको गार्डन में जारी है.

अमरेंद्र पटेल ने कहा की राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट और हाईकोर्ट का ऑर्डर, सभी उनके पक्ष में हैं लेकिन फिर भी आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय किया जा रहा है. हमें हमारे पदों पर नियुक्ति नहीं दी जा रही है.

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