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Mahashirvatri Panchak 2024: महाशिवरात्रि के दिन से लगेंगे चोर पंचक, ऐसे कर पाएंगे पूजा, जानिए

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Mahashirvatri Panchak 2024: महाशिवरात्रि के दिन से लगेंगे चोर पंचक, ऐसे कर पाएंगे पूजा, जानिए
Mahashirvatri Panchak 2024: महाशिवरात्रि के दिन से लगेंगे चोर पंचक, ऐसे कर पाएंगे पूजा, जानिए

Mahashirvatri Panchak 2024: महाशिवरात्रि आने वाली है। 8 मार्च को इसी दिन पंचक शुरु होंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार जब भी कोई पूजा पाठ, नवरात्रि या त्योहार पंचक में आता है तो इसे शुभ माना जाता है। चलिए जानतें हैं ये कि ।

  मार्च में पंचक कब समाप्त होंगे

इस महीने यानी मार्च में पंचकों की शुरुआत 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन से हो रही है। इस दिन रात में 8 बजकर 28 मिनट पर पंचक शुरु होंगे। जो चार दिन बाद यानी 12 मार्च को रात में 12:30 बजे समाप्त होंगे।

  महाशिवरात्रि पर्व पर नहीं कोई असर 

ज्योतिषाचार्यों की मानें तो वैसे तो पंचांग में शुभ कार्यों की मनाही होती है, लेकिन इस दौरान यदि कोई शुभ करना हो तो उसकी शुरुआत नहीं की जाती है। पर यदि इस दौरान तीज त्योहार का आना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि पंचक में तीज त्योहार शुरु होते हैं तो वे चलते रहते हैं और पूजा पाठ शुभ माना जाता है।

  इस बार के पंचक हैं चोर पंचक

इस बार मार्च में पंचकों की शुरुआत शुक्रवार के दिन से हो रही है। जब शुक्रवार को पंचक शुरु होते हैं तो उसे चोर पंचक कहते हैं।

  पंचक में क्या नहीं करना चाहिए

हिन्दू धर्म और मान्यता के अनुसार पंचक में कोई भी लकड़ी के सामान की खरीदारी करना अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान न तो घर में रंग रोगन करानी चाहिए। न ही पलंग आदि खरीदना चाहिए।

  पंचक में मृत्यु होने का क्या होता है असर

पंचकों में मृत्यु हो जाए तो इसे परिवार के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। परिवार के सदस्यों पर इसका बुर असर होता है। मान्यता अनुसार इससे फैमिली मेंबर को मृत्यु तुल्य कष्ट होता है।

  पंचक शुभ या अशुभ 

हिन्दू पंचांग के अनुसार पंचक को शुभ नहीं माना जाता है लेकिन कई लोग इस दौरान शुभ कार्य शुरु करना अच्छा मानते हैं। जैसे किसी मकान, दुकान, भवन का उद्घाटन किया जाता है।

  महाशिवरात्रि पर पंचक, ऐसे करें पूजन  

महाशिवरात्रि के दिन से पंचक की शुरुआत हो रही है। लेकिन इसका असर नहीं रहेगा। इसलिए पूरे विधि विधान के साथ भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जा सकता है। इस दिन पहले स्नान करके फिर भगवान शिव का सुबह से दूध, दही घी आदि से अभिषेक कर भोग आदि लगाएं। भगवान के पंचाक्षर मंत्र का जाप जरुर करें।

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