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Astrology : मंगल के मेष राशि में प्रवेश से सावधान रहें ये 4 राशि वाले लोग
Paliwalwaniज्योतिष (Astrology) में मंगल ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। मंगल को सभी ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। मंगल के शुभ होने पर जहां व्यक्ति का भाग्योदय (fortune-telling) हो जाता है, वहीं मंगल के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मंगल (Mars) को ऊर्जा, भाई, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम, शौर्य का कारक ग्रह कहा जाता है। मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि (Scorpio) का स्वामित्व प्राप्त है। यह मकर राशि में उच्च होता है, जबकि कर्क इसकी नीच राशि है। 27 मई 2022 को मंगल अपनी स्वराशि मेष में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने से कुछ राशि वालों को विशेष सावधान (special care) रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं मंगल के मेष राशि (Aries) में गोचर करने से किन राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.
मंगल का मेष राशि में गोचर 27 जून, 2022 को होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह लाल ग्रह के नाम से भी विख्यात है। जो भूमि, सेना, पराक्रम और ऊर्जा का कारक ग्रह होता है और इस ग्रह को राशि चक्र की मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामित्व भी प्राप्त है। इसके अलावा शनि देव की मकर राशि इनकी उच्च राशि है तो वहीं चन्द्रमा की कर्क इसकी नीच राशि मानी गई है। ऐसे में अपनी उच्च राशि में मंगल देव शक्तिशाली होते हैं। परंतु नीच राशि में उनकी उपस्थिति अशुभ स्थितियों का निर्माण करती है।
वृष राशि :- मेहनत पूरी होगी लेकिन फल उसके अनुसार नहीं मिलेगा। शांति और धैर्य रखने की जरूरत है। धन- हानि हो सकती है। किसी भी काम के अच्छे बुरे पहलु को परखे बिना कोई भी कार्य आप जल्दबाजी में न करें। जीवनसाथी के साथ समय व्यतीत करें। अब बात करें व्यापारी जातकों की तो इस समय आपको हर प्रकार का लेन-देन करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। हालांकि आपके ननिहाल पक्ष से इस गोचर के दौरान कोई खुशखबरी भी मिलने वाली है।
उपाय : अपनी मां की सेवा करें और हमेशा उनका आशीर्वाद लेकर ही किसी भी नए कार्य का शुभारंभ करें।
कन्या राशि :- सावधानी की खास जरुरत है। नकरात्मक विचार परेशान कर सकते हैं। संचित धन में कमी आए सकती है। धन की समस्या भी हो सकती है। ध्यान दें कहीं, बेकार की बातों में कतई न पड़ें। निजी जीवन में शादीशुदा जातकों को अपने ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत करने के कई अवसर मिलेंगे। वहीं पारिवारिक जीवन में भी भाई-बहनों से आप अच्छा सहयोग व लाभ प्राप्त करेंगे। क्योंकि आशंका है कि अष्टम भाव में मंगल की यह स्थिति आपकी सेहत के लिहाज़ से थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। साथ ही इसके प्रभाव से कई जातकों को रक्त जनित कोई समस्या भी होने का खतरा रहने वाला है।
उपाय : इस गोचर से शुभ परिणामों की प्राप्ति हेतु मां कात्यायनी की आराधना करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
तुला राशि :- पैसा न फंसाएं तो ही आप फायदे में रहेंगे। सावधान रहने की सख्त जरूरत है। कोई नया काम शुरू करने से पहले सावधान रहें। परेशानियां सामने आ सकती हैं। कार्यक्षेत्र में बदलाव संभव है। तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी होते हैं। कुंडली का दूसरा भाव धन भाव होने के साथ-साथ हमारे कुटुंब, हमारी वाणी, हमारा खान-पान का भाव भी माना जाता है। ऐसे में अब मंगल का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा और इस गोचर का सबसे अच्छा फल पार्टनरशिप से जुड़े जातकों को शुभ व अच्छे मुनाफे के रूप में मिलेगा।
मंगल का मेष राशि में गोचर होने के कारण नौकरीपेशा जातकों को भी कार्यक्षेत्र पर प्रमोशन मिलने के योग बनेंगे। हालांकि निजी जीवन में शादीशुदा जातकों को अपने जीवनसाथी के साथ इस गोचर के कारण कुछ मतभेद का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय : मंगल ग्रह की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए आपको भगवान शिवजी की आराधना और किसी भी मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने की सलाह दी जाती है।
मीन राशि :- मीन राशि के जातकों के लिए मंगल आपके दूसरे और नवें भाव के स्वामी होते हैं तथा अपने इस गोचरकाल में वे आपके दूसरे भाव में प्रवेश करेंगे। कुंडली का दूसरा भाव धन भाव कहलाता है। ज्योतिष में इस भाव से धन, परिवार, वाणी, प्रारंभिक शिक्षा आदि को देखा जाता है। ऐसे में अब आपके दूसरे भाव में मंगल का गोचर आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने के योग बनाएगा। इससे सबसे अधिक आपको अपने परिवार की तरफ से किसी प्रॉपर्टी से लाभ प्राप्त होगा।
पारिवारिक जीवन के दृष्टिकोण से यूँ तो आपको इस अवधि में पिता का सहयोग पूर्ण रुप से मिलने वाला है और इसके कारण आप जीवन में और अधिक लाभ प्राप्त कर पाएंगे। लेकिन घर-परिवार के बच्चों का बिगड़ता स्वास्थ्य आपको मानिसक तनाव दे सकता है।
उपाय : पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हेतु नियमित रूप से भैरव बाबा जी की उपासना करें।