आपकी कलम
ब्रह्मलीन पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता : दीपावली की शुभकामनाएं
मधुबाला राठौरजब मन में हो मौज बहारों की, चमकाएँ चमक सितारों की,
जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों, तन्हाई में भी मेले हों,
आनंद की आभा होती है, उस रोज़ 'दिवाली' होती है ।
जब प्रेम के दीपक जलते हों, सपने जब सच में बदलते हों,
मन में हो मधुरता भावों की, जब लहके फ़सलें चावों की,
उत्साह की आभा होती है, उस रोज़ दिवाली होती है ।
जब प्रेम से मीत बुलाते हों, दुश्मन भी गले लगाते हों,
जब कहींं किसी से वैर न हो, सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो,
अपनत्व की आभा होती है, उस रोज़ दिवाली होती है ।
जब तन-मन-जीवन सज जाएं, सद्-भाव के बाजे बज जाएं,
महकाए ख़ुशबू ख़ुशियों की, मुस्काएं चंदनिया सुधियों की,
तृप्ति की आभा होती है, उस रोज़ 'दिवाली' होती है.
आप सभी को शुभ दिपावली की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाए...
प्रेषक : मधुबाला राठौर पत्रकार
दैनिक जन सारंगी < जावरा जिला रतलाम M. 8989670233