आपकी कलम

बंजर ज़मीन पर खिलते लिलियम के फूल -फ़िरदौस ख़ान

paliwalwani news...✍️
बंजर ज़मीन पर खिलते लिलियम के फूल -फ़िरदौस ख़ान
बंजर ज़मीन पर खिलते लिलियम के फूल -फ़िरदौस ख़ान

जी हां, बंजर ज़मीन पर अब लिलियम के फूल लहलहा रहे हैं. आज जब खेती की उपजाऊ ज़मीन लगातार बंजर होती जा रही है, ऐसे में लिलियम के फूलों की खेती ने किसानों को एक नई राह दिखाई है. लिलियम ठंडी आबोहवा का बेहद ख़ूबसूरत फूल है. दुनिया भर में कंदीय फूलों में ट्यूलिप के बाद लिलियम ही ऐसा फूल है, जिसकी ख़ासी मांग है।

सजावट में यह बहुत काम आता है, जिसकी वजह से बाज़ार में इसकी अच्छी क़ीमत मिल जाती है. दुनिया भर में इसकी खेती की जाती है. इसकी खेती के लिए बल्ब हॉलैंड से मंगाया जाता है. एक अनुमान के मुताबिक़ भारत हॉलैंड से तक़रीबन 15-20 लाख बल्बों का आयात करता है. यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया के कुल सालाना कारोबार में कंदीय फूलों का तक़रीबन 12000 करोड़ का व्यापार है. सिर्फ़ 70 दिन की बाग़वानी वाला लिलियम किसानों के लिए फ़ायदेमंद का साबित हो रहा है. एक एकड़ में 90 हज़ाजार से एक लाख फूल तैयार हो जाते हैं. किसानों को प्रति एकड़ 12 से 15 लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है. बाग़वानी विभाग लिलियम की खेती पर 50 फ़ीसद अनुदान दे रहा है, जबकि नेट पॉली हाउस लगाने पर 65 फ़ीसद अनुदान दिया जा रहा है. यूं ओ जम्मू-कशमीर, हिमाचल और उत्तराखंड की जलवायु इसकी खेती के लिए उत्तम है, लेकिन अब देश के अन्य हिस्सों जैसे पंजाब और हरियाणा में भी किसान लिलियम की खेती कर रहे हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के गांव हड़ौली के किसान प्रभाकर भाकुनी पिछले कई सालों से लिलियम के फूलों की खेती कर रहे हैं. उनका कहना है कि बाज़ार में लिलियम के एक फूल की क़ीमत 40 से 50 रुपये है. अगर किसान ख़ुद फूलों के कारोबारियों से संपर्क कर अपनी पैदावार बेचे, तो उसे बहुत अच्छी आमदनी हासिल हो सकती है. उनका यह भी कहना है कि लिलियम की खेती बेरोज़गारों के लिए आमदनी का एक बेहतर ज़रिया है. हरियाणा के फ़तेहाबाद के किसान सुमित गडवाल और भिवानी ज़िले के गांव ढाणी किरावड़ के किसान राजेश श्योराण भी लिलियम के फूलों की खेती कर रहे हैं. उन्होंने सात एकड़ में लिलियम उगाया था. राजेश श्योराण के मुताबि़क पारंपरिक खेती से उन्हें ज़्यादा आमदनी नहीं हो पा रही थी. फिर उन्होंने लिलियम की खेती के बारे में सुना और फिर नेट से जानकारी इकट्ठी की. इसके बाद उन्होंने हिमाचल में जाकर लिलियम की खेती कर रहे किसानों से प्रशिक्षण लिया. उन्होंने तीन एकड़ ज़मीन में लिलियम की खेती शुरू की. इसके लिए उन्होंने लिलियम के बल्ब मंगाए. बल्ब एक तरह की गांथ होती है, जिससे तीन बार लिलियम की खेती की जा सकती है. एक बल्ब की क़ीमत 15 से 20 रुपये होती है और एक एकड़ में तक़रीबन 80 बल्ब लगाए जाते हैं. ग़ौरतलब है कि आज के दौर में दुनियाभर में जहां फूलों की मांग दिनोदिन बढ़ रही है, ऐसे में किसान फूलों की खेती करके अच्छी आमदनी हासिल कर सकते हैं.

● लेखिका स्टार न्यूज़ एजेंसी में संपादक हैं...✍️

पालीवाल वाणी समाचार पत्र ब्यूरो
? Paliwalwani News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे...
www.fb.com/paliwalwani
www.twitter.com/paliwalwani
Sunil Paliwal-Indore M.P.
Email- paliwalwani2@gmail.com
09977952406-09827052406-Whatsapp no- 09039752406
पालीवाल वाणी हर कदम... आपके साथ...
*एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...*

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News