आपकी कलम
काश! देवनानी के खिलाफ ऐसी कवायद दो माह पहले की जाती...!
S.P.MITTAL BLOGGER
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सुरेंद्र सिंह शेखावत, नीरज जैन, सुभाष काबरा, कंवल प्रकाश और हरीश पेन वाले ने कहा किसी को भी उम्मीदवार बना दें, लेकिन इस बार अजमेर उत्तर में बदलाव जरूरी है.
सरिता गेना ने राजेंद्र राठौड़ से पूछा-नसीराबाद से मुझे उम्मीदवार क्यों नहीं बनाते?
राजस्थान में भाजपा विधायक दल के नेता राजेंद्र राठौड़ 27 सितंबर 2023 को अजमेर में रहे। राठौड़ ने भाजपा के जिला कार्यालय में बैठकर जिले के वरिष्ठ नेताओं से विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विचार विमर्श किया। इस दौरान विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में दावेदारों ने भी राठौड़ से मुलाकात की। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा अजमेर उत्तर क्षेत्र के दावेदारों की रही।
इस क्षेत्र से भाजपा का टिकट मांग रहे अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन, नगर परिषद के पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश कार्य समिति के पूर्व सदस्य कंवल प्रकाश किशनानी, बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष सुभाष काबरा और भाजपा में तेजी से उभरते युवा नेता हरीश पेन वाले ने एक स्वर से कहा कि अब उत्तर क्षेत्र में परिवर्तन होना चाहिए।
क्षेत्र के मतदाता भी यही मांग कर रहे हैं। हम में से किसी एक को भी टिकट दे दिया जाए तो भाजपा की जीत तय है। सभी दावेदारों ने उत्तर क्षेत्र के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से राठौड़ को अवगत कराते हुए अपना अपना बायोडेटा भी दिया। राठौड़ ने भरोसा दिलाया कि उनकी भावनाओं को ऊपर तक पहुंचा दिया जाएगा।
इस संयुक्त के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9783936973 पर हरीश पेन वाले से ली जा सकती है। असल में इन दावेदारों ने 27 सितंबर को जो एकता दिखाई, वह यदि दो माह पहले दिखाई जाती तो उसका असर होता। अब तक ये सभी दावेदार अपने अपने स्तर पर ताकत लगा रहे थे, लेकिन फिर भी जब मौजूदा विधायक वासुदेव देवनानी को कमजोर नहीं कर सके। तब एकजुटता का फार्मूला अपनाया गया है।
अब जब देवनानी को ही लगातार पांचवीं बार उम्मीदवार बनाए जाने की खबरें मीडिया में आ रही है, तब विरोधियों ने एकजुटता दिखाई है। इस एकजुटता का कितना असर होगा, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। देवनानी के विरोध में हाथी खेड़ा के सरपंच लाल सिंह रावत ने अपने समर्थकों के साथ मुलाकात की। लेकिन रावत ने जिस तीखे अंदाज में बात की, उसके जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुझे पता है कि यह प्रायोजित विरोध हैं।
मुझे उम्मीदवार क्यों नहीं बनाते?:
जिले के नसीराबाद क्षेत्र से भाजपा टिकट की दावेदार पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती सरिता गेना ने राजेंद्र राठौड़ से सीधा सवाल किया है कि नसीराबाद से मुझे उम्मीदवार क्यों नहीं बनाते? गेना ने याद दिलाया कि सांवरलाल जाट के निधन के बाद 2014 में जब उप चुनाव हुए तो पार्टी ने मुझे ही उम्मीदवार बनाया था, लेकिन तब मुझे मात्र 386 मतों से हार का सामना करना पड़ा। 2018 में मेरा ही दावा सबसे सशक्त था, लेकिन रामस्वरूप लांबा को उम्मीदवार बना दिया गया।
लांबा के विधायक रहते हुए भी मैं नसीराबाद क्षेत्र में सक्रिय है और पार्टी के जन आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया। अब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर नारी शक्ति वंदन अधिनियम स्वीकृत हो गया है, तब भाजपा में महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। गेना ने कहा कि वे उन अनुशासित कार्यकर्ताओं में से हैं जो पूरी जिम्मेदारी से पार्टी का कार्य करती हैं।
राठौड़ ने सरिता गेना के साथ सहानुभूति जताते हुए भरोसा दिलाया कि उनकी भावनाओं को ऊपर तक पहुंचाया जाएगा। राठौड़ से मुलाकात के बाद गेना ने बताया कि नसीराबाद से अभी किसी भी दावेदार का नाम फाइनल नहीं हुआ है। मेरा भाजपा हाईकमान से आग्रह है कि नसीराबाद की ताजा स्थिति को देखते हुए उम्मीदवार का चयन करना चाहिए।
मेरा किसी से कोई विरोध नहीं है, लेकिन पार्टी को दावेदारों की कार्यप्रणाली भी देखनी चाहिए। मौजूदा विधायक के कार्य का आकलन भी करना चाहिए। उपचुनाव में मेरी हार के कारणों से भी हाईकमान परिचित है। मालूम हो कि सरिता गेना 2005 से 2010 तक अजमेर की जिला प्रमुख रहीं हैं। गेना की ताजा राजनीतिक गतिविधियों की जानकारी मोबाइल नंबर 9414667333 पर ली जा सकती है।