आपकी कलम
हाथों-हाथ...लगे हाथ, ख़बरदार... सत्ता वाली भाजपा : पंत प्रधान का एलान- नही चलेगा राजनीति में परिवारवाद, देश-प्रदेश मे भृष्टाचार
नितिनमोहन शर्मानितिनमोहन शर्मा...✍️
भाजपा में अपने बेटे बेटियों बहुओं ओर पत्नियों को चुनाव लड़ाने का मंसूबा बनाने वाले सभी बड़े नेता ख़बरदार हो जाये। और वो लोग भी सावधान हो जाये जो कोरोमा डेम जैसे भृष्टाचार में शामिल है। जिनकी पैसे की भूख 18 हजार जिंदगियों ओर हजारों पशुधन को निगल जाती।
देश के पंत प्रधान नरेंद्रभाई मोदी ने...आजादी के अमृत महोत्सव के तहत...लाल किले की प्राचीर से...राजनीति में परिवारवाद के खिलाफ सिंह गर्जना की। उन्होंने कहा परिवारवाद की राजनीति ने देश के सामर्थ्य पर सबसे बड़ी चोट की है और इसे अब स्वीकार नही किया जाएगा। इससे देश का बहुत नुकसान हुआ। पंत प्रधान ने कहा कि परिवारवाद के कारण प्रतिभाशाली पीछे रह जाता है। इस मानसिकता से मुक्ति का वक्त आ गया है। देश को इससे मुक्त करना होगा। इससे देश के टेलेंट ओर सामर्थ्य को नुकसान होता है। जिनके पास अवसर वे पीछे रह जाते है। परिवारवाद भृष्टाचार का एक प्रमुख कारण बनता है। उन्होंने कहा कि परिवारवाद के खिलाफ नफरत पैदा करना होगी। देश के सामर्थ्य का सबसे ज्यादा नुकसान इसी परिवारवाद ने किया। इसका देश की भलाई से कोई लेना देना नही। बस परिवार की भलाई ही इसका मकसद रहता है।
पंत प्रधान मोदी ने कहा कि आज लाल किले से, देश के झंडे के नीचे खड़े रहकर हम के संकल्प ले कि राजनीति के शुद्धिकरण के लिए देश को परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलाएंगे। कोई भी युवा इस कुंठा में नही रहेगा कि उसका कोई चाचा दादा नाना नानी मा भाई पिता नही है इसलिए उसको अवसर नही मिला। परिवारवादी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में देश के मुखिया ने देशवासियों का साथ मांगा।
( हाल ही नगरीय निकाय चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की परिवारवाद के खिलाफ मुहिम को घोलकर पी जाने वाली प्रदेश भाजपा के लिए लाल किले से गूंजे ये शब्द शायद कोई गैरत पैदा करे। निकाय चुनाव में चले जमकर भाई भतीजावाद, परिवारवाद ने नेताओ के हौसले बड़ा दिए थे कि मोदी तो बोलते रहेंगे, 2023 में भी ये ही होगा। अब लाल किले से बोला है मोदी जी ने। देखते है अपने ही दल में इसका कितना अमल वे करवा पाते है। )
भ्र्ष्टाचार : आजादी की 75वी वर्षगाँठ पर पर नरेंद्रभाई में भ्र्ष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की लड़ाई को सबसे ऊंचाई पर रखा। उन्होंने कहा भृष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए हमने निर्णायक कालखंड में कदम रख दिया है। यहां भी उन्होंने परिवारवाद को जिम्मेदार बताया कि इसके कारण करप्शन बढ़ता है। भृष्टाचार को गंदगी से भी जोड़ दिया की इससे वैसे ही घृणा करे, जैसे गंदगी से करते है। देश की जनता से भृष्टाचार से लड़ने के लिए साथ मांगते हुए पंत प्रधान ने कहा ये देश को खोखला कर रहा है। इसलिए कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति होगा, बख्शा नही जाएगा। जिन्होंने देश को लूटा है,उन्हें लौटाना होगा।
( कोरोमा डेम से दहशत में आये "सत्ताधीश" 3 दिन से एक बात, बार बार दोहरा रहे है कि इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से नियमित सम्पर्क में है। इसके मायने साफ है- निमाड़ के धामनोद के पास ही बांध नही फूटा है, बल्कि एमपी में भृष्टाचार का बांध भी फुट गया और सरकार-अफसर-ठेकेदारों की काली कमाई का सैलाब बह निकला है जो दूर दिल्ली तक नजर आ रहा है। प्रदेश में अफसरशाही के सिरमौर होने का ओवरफ़्लो भी उज़ागर हो गया है। आपदा को इवेंट में तब्दील करने वाली गाद भी बहकर बाहर आ गई। अब नरेन्द्रभाई की दिल्ली सरकार, एमपी की सरकार को लेकर क्या स्टैंड तय करती है...लाल किला पूछेगा अगले बरस.. )