यूपी बीजेपी में तमाम उठापटक के बीच प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है कि वो पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जा रहीं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि लखनऊ कैंट से उनके बेटे मयंक को टिकट मिलना चाहिए। बकौल रीता अगर पार्टी परिवार में एक ही टिकट देने पर अड़िग है तो वो अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के तैयार हैं। उनका कहना है कि मयंक 2009 से चुनाव लड़ने के लिए मेहनत कर रहा है। उसने लखनऊ कैंट की सीट पर अपनी दावेदारी भी पेश की है।
दरअसल, योगी सरकार के दो मंत्रियों और कई विधायकों के कि रीता बहुगुणा जोशी समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं। जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार विधायक रहीं हैं।
कांग्रेस में रहते हुए पहली बार वर्ष 2012 के चुनाव में उन्होंने इस सीट से भाजपा को शिकस्त दी थी। इसके बाद वर्ष 2017 में भाजपा में शामिल होने के बाद वह इस सीट से दोबारा विधायक चुनीं गईं। उसके बाद फिर वो योगी मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री भी बनीं।
2019 में बीजेपी ने उन्हें जब प्रयागराज से लोकसभा टिकट दिया तो उन्होंने कैंट की सीट बेटे मयंक जोशी के लिए मांगी। लेकिन पार्टी ने उनकी मांग को दरकिनार कर दिया। जाहिर है कि रीता को इससे पीड़ा जरूर हुई होगी, क्योंकि कांग्रेस में वो कद्दावर नेता रही थीं।
नाराजगी की एक और वजह सांसद बनने के बाद भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलना भी रही। गुस्सा तब ज्यादा बढ़ा जब बीते साल हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में उनको नजरंदाज कर अजय मिश्र टेनी को जगह दे दी गई। इससे वो आहत महसूस कर रही हैं।
हालांकि, जब उनके सपा में जाने की अफवाहें तेज हुईं तो केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर उन्होंने सफाई भी दी। हाल ही में रीता केंद्रीय से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंची थीं। यूपी चुनाव बीजेपी के लिए खासा कठिन हो चुका है। जाहिर है पार्टी रीता बहुगुणा जैसी कद्दावर नेता को खोना नहीं चाहता। रीता के करीबी लोगों का कहना है कि वो पार्टी छोड़ने के बारे में सोच भी नहीं रही। यह महज एक अफवाह है।