कानपुर. यूपी राज्य परिवहन निगम के चेयरमैन और वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के वायरल हुए वीडियो के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. इफ्तिखारुद्दीन ने खुद के कुछ ऐसे नियम बना रखे थे जिनकी पालना करना उसके साथ काम कर रहे अन्य कर्मचारियों के लिए जरूरी था. हालात यहां तक थे कि उसने अपने सुरक्षाकर्मियों के लिए भी दाढ़ी रखना अनिवार्य कर रखा था. चौंकाने वाली बात ये है कि वो खुले आम ये कहता भी था कि जिस तरह से मेरी दाढ़ी है उसी तरह से आपलोग भी रखें. इस बात का दावा कानपुर कमिश्नर ऑफिस में कार्यरत एक कर्मचारी ने भी किया है. फोटो में साफ देखा जा सकता है कि एक कार्यक्रम के दौरान इफ्तिखारुद्दीन के पीछे सुरक्षाकर्मी खड़ा है जिसने दाढ़ी रखी हुई है.
सूत्रों के अनुसार दाढ़ी को लेकर इफ्तिखारुद्दीन ने इतने सख्त नियम बना रखे थे कि वो अपने नीचे काम करने वाले कर्मचारियों को बिना दाढ़ी में देखकर गुस्सा हो जाया करता था. कुछ दिनों पहले ही एक कर्मचारी बिना दाढ़ी के उसके आवास पर पहुंचा तो उसने दाढ़ी न होने की बात पर उसे फटकार कर अपने घर से बाहर निकाल दिया.
गौरतलब है कि इफ्तिखारुद्दीन के धर्मांतरण संबंधी वायरल वीडियो की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है और ये वीडियो अधिकारी को अलॉटेड सरकारी बंगले पर ही बनाया गया है.
इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो की जांच के मामले में एसआईटी के अध्यक्ष जीएल मीणा ने कहा था कि ऐसे बयान वाले 50 से ज्यादा है वीडियो मिले हैं जिनकी जांच बारीकी से कराई जा रही है. वीडियो जांचने का काम 12 टीमें कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह जांच 7 दिन के अंदर पूरी हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इफ्तिखारुद्दीन से अभी तक पूछताछ नहीं हुई है.
कानपुर स्थित सीटीएस बस्ती में रहने वाले निर्मल त्यागी ने कैमरे के सामने खुद आकर कबूल किया है कि 6 साल पहले कानपुर मेट्रो के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा था। उसी सिलसिले में वह बस्ती वालों के साथ सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन से मुलाकात करने पहुंचे थे। आरोप है कि इफ्तिखारुद्दीन ने बस्ती बचाने के लिए सीधे धर्म परिवर्तन करने का लालच दे दिया।
निर्मल त्यागी ने बताया कि सीनियर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन ने उन सभी को इस्लाम अपनाने के लिए कहा और उन्हें कानपुर के तमाम मदरसों से मदद मिलने की बात भी कही। निर्मल त्यागी ने बताया कि उनकी इस बात को हम सभी ने खारिज कर दिया और धर्म परिवर्तन करने की बात से साफ इनकार कर दिया।
इफ्तिखारुद्दीन की तरफ से धमकी दी गई कि अब आपको कोई नहीं बचा सकता है। यदि आपने इस बारे में किसी को कुछ बताया तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके अलावा निर्मल त्यागी ने बताया कि उन्हें जाते वक्त कुछ इस्लामिक साहित्य भी दिया गया। ये किताबें आईएएस इफ्तिखारुद्दीन की तरफ से ही लिखी गई हैं। आरोप है कि ये किताबें आईएएस की तरफ से बंटवाईं भी जाती थीं।