हाथरस. हाथरस हादसे में एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी (SIT has filed the report) है. इसमें बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ को लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा बताया गया है. कार्यक्रम की परमिशन लेते समय आयोजन समिति ने अपने स्तर पर पूरे इंतजाम मुकम्मल करने का आश्वासन दिया था. आने वाली भीड़ को सड़क पर नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद मांगी थी.
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अनुमति के दौरान एलआईयू की रिपोर्ट में बाबा के सत्संग में सेवादारों द्वारा ही पूरे इंतजाम करने का जिक्र किया गया. सत्संग में बड़ी संख्या में आने वाले लोगों में नए लोग ज्यादा थे, जो बाबा को देखने के चलते उमड़ पड़े.
इससे भीड़ अनियंत्रित हो गई. ये बात भी सामने आई है कि स्थानीय अफसरों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया. अनुमति से अधिक भीड़ आने का इनपुट प्रशासन के पास पहले से था. बाबा का सत्संग शुरू हुआ और भीड़ लगातार आती रही. फिर भी मौके पर मौजूद अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल हुए.
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौके पर लगाई गई फोर्स में कुछ पुलिसकर्मी ही सत्संग के बाहर लगाए गए थे. ज्यादातर फोर्स सड़क पर भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में ही लगी थी कि हाइवे जाम न हो. एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आयोजन समिति के लोगों को तथ्य छुपाने का जिम्मेदार ठहराया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मौके पर मौजूद पुलिस-प्रशासन के अफसर स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के लिए लापरवाह पाए गए हैं. हादसे में साजिश का पता लगाने के लिए पुलिस की जांच और आयोजनकर्ताओं से गहन पूछताछ की जरूरत है.भगदड़ मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं और प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई है. विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है.
भगदड़ के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को पकड़ने के लिए एजेंसियां कई जगह दबिश दे रही हैं. यूपी के साथ ही राजस्थान और हरियाणा में भी उसकी तलाश चल रही है. इस मामले में दर्ज एफआईआर में मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है. बाबा सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया है.
मधुकर के अलावा कई अज्ञात आयोजकों को भी आरोपी बनाया गया है. मामले में अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है.किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है. जांच जारी है और एजेंसियां मुख्य आरोपी की तलाश कर रही हैं.