अक्सर देखने में आता है कि किसी घर में बार-बार पीपल का पेड़ उगता है, भले ही उसे हटा दिया जाय। खास तौर से ऐसे जातक जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, उनके यहां ऐसी घटना बार-बार होती है। दरअसल इसके पीछे की वजह यह है कि पीपल के पेड़ का संबंध, देवताओं और पितरों से होता है।
ज्योतिषाचार्य अरविंद तिवारी के अनुसार यह एकमात्र ऐसा पेड़ है जिस पर रात तीन बजे से पहले-पहले अच्छी और बुरी दोनों तकर की आत्माओं का वास होता है। मान्यता है कि तीन बजे से सूर्योदय के पहले तक इस पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है, जिसे गीता में भगवान विष्णु ने कहा था कि मैं वृक्षों में पीपल के समान हूं। लेकिन इसे घर या घर के पास नहीं लगाया जाता, इसके पीछे खास वजह है।
मान्यता है कि इसे घर या घर के पास रहने पर इसकी नकारात्मक ऊर्जा आप तक पहुंचेगी। इसलिए इसे घर से दूर या ऐसी जगह लगाया जाता है जहां घनी आबादी न हो, सबसे अच्छा किसी मंदिर आदि के परिसर में इसका लगाया जाना होता है। इसके नीचे भगवान शिव, हनुमानजी या अन्य देवी देवता की प्रतिमा हो तो यह विशेष फलदायक हो जाता है और ऐसे पेड़ के नीचे पूजा करने से जीवन में तरक्की मिलती है।
1. आपके जीवन में तनाव का बना रहना, मानिसक शांति न मिलना।
2. घर में सुख शांति न रहना, विवाह हुआ तो वैवाहिक जीवन सुखद न होना, विवाह नहीं होना भी पितृ दोष का संकेत है।
3. घर में संतान की बुद्धि कमजोर है, शिक्षा प्रतियोगिता में स्थिति कमजोर होना।
4. संतान के विवाह में बाधा आना, धन को लेकर परेशानी बना रहना।
5. घर नहीं बना पाए और बना लिया तो वहां सुख शांति समृद्धि का न होना।
6. नौकरी, व्यवसाय में सफलता न मिलना भी लक्षण है।
7. आपके, संतान के साथ दुर्घटना होना, संतान के जीवन में अचानक व्यवधान आना पितृ दोष का संकेत होता है।
1. यदि आपकी कुंडली में पितृदोष है तो आपके घर में बार-बार पीपल का पेड़ उगता है, यह पितृ के नाराज होने का संकेत है।
2. पूर्व जन्म में किसी स्त्री पुरुष के धन का दुरुपयोग या पूर्व जन्म में किसी स्त्री या पुरुष का दुरुपयोग किया या हत्या की तो परेशान हो सकते हैं।
1. माता पिता जीवित हैं तो नियमित रूप से उनके चरणों को प्रणाम करें और उनका हाथ सिर पर जरूर रखवाएं।
2. माता पिता के जीवित न होने पर कोई सुगंधित पुष्प मोगरा, गुलाब, रजनीगंधा की पुष्प की माला चढ़ाएं, उनके सम्मुख पानी का गिलास भरकर रखें।
3. घर में भोजन का भोग उनकी फोटो के सामने जरूर लगाएं। जीवित हैं दादा-दादी नहीं है तो उनके फोटो के सम्मुख इसी क्रिया को दोहरा सकते हैं।
4. पितृ पक्ष में तर्पण, पिंडदान, ब्राह्मण भोज आदि कराइये, वृद्धों, असहाय की मदद करें तो पितृ दोष से मुक्ति जरूर मिलेगी।