कर्नाटक के टिकटॉक स्टार के अपहरण और हत्या के मामले को सुलझाते हुए मैसूर पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड था। पुलिस ने बताया कि 35 साल के नवीन कुमार उर्फ टिक टॉक नवीन उर्फ स्माइल नवीन को 27 अगस्त की रात करीब 9:45 बजे मैसूर पैलेस के सामने से अगवा कर लिया गया था। उस समय नवीन कुमार दो महिलाओं और एक सहयोगी पवन कुमार के साथ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए रील्स बना रहे थे।
टिकटॉक स्टार स्माइल नवीन के अपहरण की मैसूर सिटी पुलिस द्वारा जांच के दौरान 28 अगस्त की शाम को मैसूर के बाहर नंजनगुड के गोलूर गांव में एक सिंचाई जल चैनल में एक शव बरामद हुआ। शव पाए जाने के बाद दर्ज मामले की नंजनगुड ग्रामीण पुलिस द्वारा समानांतर जांच की गई। आखिरकार शव की पहचान नवीन के रूप में हुई। पुलिस जांच के अनुसार, जून 2020 में बेंगलुरु शहर के पार्षद ए सोमशेखर के भतीजे 32 वर्षीय विनोद कुमार की हत्या का बदला लेने के लिए नवीन को अगवा करने के बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
जानकारी के मुताबिक जून 2020 में एक रियल एस्टेट विवाद को लेकर बेंगलुरु के बाहरी इलाके में रामानगर जिले के कागलीपुरा क्षेत्र में बेंगलुरु शहर के पार्षद ए सोमशेखर के भतीजे विनोद कुमार की हत्या कर दी गई थी। विनोद की हत्या उनकी दो बहनों के सामने कर दी गई थी। आपराधिक रिकॉर्ड के मुताबिक नवीन उन 13 लोगों में शामिल था, जिन्हें रामानगर पुलिस ने विनोद कुमार की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, नवीन के अपहरण और हत्या में मुख्य संदिग्धों में से एक की पहचान परमेश उर्फ परमी के रूप में की गई है। वह एक हिस्ट्रीशीटर और रियल एस्टेट कारोबारी विनोद कुमार का बिजनेस पार्टनर था। आरोपों के मुताबिक उसे 2020 में नवीन के गिरोह द्वारा मार दिया गया था। नंजनगुड क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक वी गोविंदराजू ने कहा, “आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपी परमेश की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।”
वी गोविंदराजू ने कहा कि नवीन के अपहरण और उसकी हत्या में शामिल पुनीथ कुमार उर्फ करिया और सात अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को शुरुआत में मैसूर पैलेस के पास के सीसीटीवी फुटेज से अपहरण के बारे में सुराग मिले थे। उससे पता चला कि नवीन सैंट्रो कार में ले जाए जाने का विरोध करने की कोशिश कर रहा था, जबकि एक स्कॉर्पियो एसयूवी उसका पीछा कर रही थी।
पुलिस ने नवीन के सहयोगी कुमार से भी संदिग्धों के बारे में सुराग जुटाए। कुमार का भी अपहरण कर लिया गया था लेकिन गिरोह ने उन्हें रिहा कर दिया था। पुलिस के अनुसार, नंजनगुड ग्रामीण पुलिस ने सिंचाई जल चैनल में पाए गए शव की तस्वीरें भेजीं, जिसके बाद कुमार ने इसकी पहचान नवीन के रूप में की। पुलिस जांच से यह भी पता चला है कि नवीन के साथ रील की शूटिंग कर रही लड़कियों में से एक ने दुश्मन गिरोह को उसका ठिकाना बताया। इसके बाद वे लोग फौरन उसका अपहरण करने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए।
चश्मदीदों ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उन्होंने नवीन को अपहरणकर्ताओं से यह कहते हुए सुना कि “प्लीज परमी भाई, मैं इसमें शामिल नहीं था।” चूंकि अपहरण शहर में हुआ था, इसलिए मैसूर सिटी पुलिस द्वारा अपने हाथ में लिया जा रहा है। मैसूरु के पुलिस आयुक्त रमेश भनोट ने कहा, “देवराज पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। वहां के पुलिस अधिकारी मामले को नतीजे तक पहुंचाएंगे।”