यह हम सभी जानते है के हमारे यहाँ किसी की मौत हो जाती है तो मृतक के परिवार वाले कुछ दिनों बाद कागजी कार्यवाही में लग जाते है। क्योकि कागजी कार्यवाही करवाना बहुत जरुरी होता है। किसी की मौत हो जाए तो उसके बाद सबसे परिवार वाले उसका मृत्यु का सर्टिफिकेट बनवाते है। उसके बाद ही बाकि की कार्यवाही होती है।
मृतक परिवार वाले सबसे पहले मृतक इंसान का बैंक एकाउंट बंध करवाने जाते है। ताकि मृतक के एकाउंट भी जिनते भी पैसे हो वो उसके परिवार वालो के काम आ सके। अब जाहिर सी बात है के एकाउंट में जितने पैसे है इतने बैंक वाले उसके परिवार वालो को देंगे। लेकिन मध्यप्रदेश के पटना में रहने वाले परिवार वाले जब बैंक एकाउंट बंध करवाने गए तो बैंक वालो ने उन्हें 15 लाख रूपये दे दिए।
दरसल बात ऐसी थी के पाटन जनपद के ग्राम मांदा के रहने वाले किसान जनवेश कुमार की मृत्यु के बाद उनका बेटा अपने दादा के साथ उनका बैंक खाता बंद करवाने बैंक पहुंचा। किसान जनवेश कुमार ने एसबीआई बैंक में 1800 रुपए में 15 लाख की के.सी.सी पालिशी ले रखी थी. कुछ समय पहले किसान जनवेश कुमार छत पर काम करते हुए फिसल कर नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई. उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार में ये बात किसी को नहीं पता थी कि उन्होंने 15 लाख रुपए का जीवन बीमा करवा रखा था।
एस.बी.आई की पाटन शाखा में अपने पिता का खाता बंद करवाने पहुंचे बेटे को बैंक के अधिकारियों ने बताया कि उनके पिता जनवेश कुमार ने के.सी.सी खाता खुलवाकर 15 लाख रु की पालिशी ले रखी थी. कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद बैंक ने किसान के पिता को 15 लाख रु का चेक सौंप दिया. बता दें कि मृतक किसान ने अपने पिता को इस पॉलिसी का नॉमिनी बनाया था।