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रूस यूक्रेन युद्ध से सूरजमुखी तेल के आयात पर पड़ेगा असर, खाद्य तेल कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Sun, 27 Feb 2022 10:08 AM
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दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई पर बुरा असर देखने को मिला है. इंडस्ट्री का संगठन एसईए ने कहा है कि कारोबारी खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिये और घरेलू सप्लाई को बनाये रखने के लिये अन्य देशों में विकल्प तलाश रहे हैं. आशंका है कि अगर संकट बढ़ता है तो सूरजमुखी के तेल की सप्लाई पर असर देखने को मिल सकता है. हालांकि संगठन ने कहा कि खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़त की संभावना नही है. क्योंकि अगले महीने से सरसों की सप्लाई बढ़ेगी और इस साल बेहतर फसल होने की उम्मीद से तेल की सप्लाई भी बेहतर रहेगी और कीमतें नियंत्रण में बनी रह सकती हैं. वहीं इंडस्ट्री ने जानकारी दी कि शुक्रवार को ही केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात कर उन्होने खाद्य तेल की सप्लाई बढ़ाने के सुझाव दिये हैं.

सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई पर असर

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स ने एसोसिएशन (एसईए) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण सूरजमुखी तेल की आपूर्ति बाधित हो गई है. भारत सालाना 25 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है, जिसमें से 70 फीसदी यूक्रेन से, 20 फीसदी रूस से और 10 फीसदी अर्जेंटीना से आता है. उन्होंने कहा कि मासिक आधार पर लगभग 2 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है. मेहता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पाम तेल और सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी का दबाव है. उन्होंने कहा कि चूंकि खाद्य तेल आयात पर हमारी निर्भरता 65 प्रतिशत है, इसलिए हम अपनी घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने और स्थानीय खुदरा कीमतों को स्थिर रखने के लिए अन्य देशों से खाद्य तेल प्राप्त करने की सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं. मेहता ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्थिति का जायजा लेने और घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने के तरीकों का पता लगाने के लिए शुक्रवार शाम खाद्य तेल उद्योग के साथ बैठक की. उन्होंने कहा कि घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए हमने मंत्री को कई सुझाव दिए.

खुदरा कीमतों पर नहीं पड़ेगा असर

अगले 15 दिनों में स्थिति में सुधार होगा और उन्होने खुदरा कीमतों में किसी भी वृद्धि से इनकार किया. उन्होंने कहा कि सरसों की फसल की आवक कुछ दिनों में शुरू हो जाएगी. इससे हमारी घरेलू उपलब्धता में सुधार होगा. मलिक ने कहा कि भारत के कुल 220-230 लाख टन कुकिंग ऑयल की घरेलू मांग में सूरजमुखी तेल की हिस्सेदारी 10-12 फीसदी है. उन्होंने कहा कि सूरजमुखी तेल की 65-70 फीसदी खपत दक्षिणी राज्यों में होती है. हमें दक्षिण भारत में मूंगफली और राइस ब्रेन तेल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की जरूरत है

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