शिमला. हिमाचल प्रदेश में 3 निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किये गए हैं. तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफ़ा देकर बीजेपी (BJP) में शामिल होने की बात कही थी. हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस्तीफे स्वीकार नहीं किये गए हैं. हम इस्तीफे के लिए नियमों और संवैधानिक प्रावधानों की जाँच कर रहे हैं, इसलिए इस्तीफे स्वीकार नहीं किये गए हैं. इस बीच कांग्रेस ने कहा कि हम अपने छह विधायकों से बातचीत कर मनाने की कोशिश कर रहे हैं. विधायकों से बातचीत की जा रही है.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया कि कांग्रेस अपने उन छह बागी विधायकों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया था. जयराम ठाकुर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बागियों को अपने पाले में वापस लाने के लिए पार्टी (कांग्रेस) द्वारा मनाने की कोशिशें जारी हैं. कांग्रेस के इन छह विधायकों की पिछले महीने राज्य विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. बाद में, पार्टी ने उन्हें आंतरिक पदों से भी हटा दिया था. हालांकि, वे अब भी पार्टी में हैं.
बगावत का बिगुल फूंकने के बाद से ये छह विधायक हिमाचल से बाहर डेरा डाले हुए हैं. भाजपा नेता ठाकुर ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने मंडी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनके (सिंह के) अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता हतोत्साहित हो गए हैं और जमीनी हालात अनुकूल नहीं हैं. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेता बागी विधायकों के संपर्क में हैं, जिनसे कहा गया है कि पार्टी आलाकमान ने लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पद से हटाने का मन बना लिया है.
जयराम ठाकुर ने यह भी दावा किया कि इन छह बागियों को उच्च पद और विधानसभा उपचुनाव लड़ने के लिए टिकट देने की पेशकश की गई है. उन्होंने राज्य सरकार पर बागियों के खिलाफ प्रतिशोधी रुख अपनाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने दावा किया कि इंद्रदत्त लखनपाल (बड़सर विधानसभा सीट से कांग्रेस के बागी विधायक) को एक नोटिस दिया गया है, जबकि लाहौल और स्पीति के रवि ठाकुर के घर की ओर जाने वाली सड़क बंद कर दी गई है. निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर के परिवार के सदस्यों के व्यवसाय को निशाना बनाया जा रहा है.’’