अभी तक आप भले ही आप सस्ते लोन का फायदा ले रहे हों, लेकिन अब यह दौर खत्म होने वाला है। अगले 6-8 महीनों के बाद ब्याज दरें फिर से ऊपर की ओर जा सकती हैं। हालांकि तब तक यह ब्याज दरें मौजूदा स्तर पर ही रहेंगी। फिलहाल ब्याज दरें 6.69 से लेकर 10तक अलग-अलग लोन पर हैं।
ब्याज दरों में बढ़त इसलिए होगी क्योंकि ग्लोबल आर्थिक व्यवस्था में सुधार, महंगाई में कमी और कोरोना का असर कम होने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022 की पहली छमाही यानी जनवरी से जून के बीच दरों को बढ़ा सकता है। रिजर्व बैंक अब धीरे-धीरे नीतिगत दरों के साथ अन्य उपायों को वापस रोलिंग करने की शुरुआत कर सकता है। विश्लेषक मानते हैं कि जुलाई में महंगाई की दर 5.6रही है। यह दो महीने के ऊपरी स्तर से नीचे है। रिजर्व बैंक का लक्ष्य महंगाई को 6से नीचे रखने का है और यह उसके लक्ष्य से भी कम है।
रिजर्व बैंक लगातार नीतिगत दरों को नीचे बनाए रखा है। उसका लक्ष्य अभी तक विकास पर था। इसका असर भी दिखा। देश के सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में सुधार होता दिख रहा है। पिछले साल इसमें 27की गिरावट आई थी। जबकि इस साल की पहली तिमाही में यह 7.5गिरी है। ऐसा माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक पहले स्टेप में अप्रैल में चौथाई पर्सेंट की बढ़ोत्तरी दरों में कर सकता है।
अभी होम लोन 6.69पर है जबकि कार लोन 7.5पर मिल रहा है। पर्सनल लोन 10पर मिल रहा है। पिछले साल से लोन की दरें 20 साल के निचले स्तर पर हैं। हालांकि जब ब्याज की दरें बढ़ेंगी तो फिर आपकी डिपॉजिट पर भी ब्याज दरें ज्यादा मिलेंगी।