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दिलचस्प किस्सा : जब इराक में हुआ एक भारतीय क्राइम रिपोर्टर का अपहरण और अमिताभ बच्चन की वजह से बची जान

अन्य ख़बरे Published by: Paliwalwani Updated Sun, 06 Feb 2022 08:34 PM
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दुनिया के सबसे बर्बर तानाशाहों में शुमार इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन का खौफ एक वक्त ऐसा था कि सुपरपॉवर कहा जाने वाला भी कांप जाता था। हालांकि, साल 2003 में वह अमेरिका-ब्रिटेन के हमले को झेल नहीं पाया और उसे अंडरग्राउंड होना पड़ा। इराक में जारी संघर्ष के बीच भारत के जाने माने लेखक व क्राइम रिपोर्टर रहे एस हुसैन जैदी इराक पहुंचे थे लेकिन उनका बगदाद में अपहरण हो गया।

दरअसल, साल 2003 में अमेरिका और ब्रिटेन ने इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन पर आरोप लगाया कि वह जैविक हथियार इकट्ठा कर रहे हैं। इन आरोपों को अस्वीकारते हुए सद्दाम हुसैन ने खंडन किया। इसके कुछ दिनों बाद ही अमेरिका और ब्रिटेन की संयुक्त सेना ने इराक पर हमला बोल दिया और सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल कर दिया। संघर्ष इतना भीषण था कि सद्दाम हुसैन को अंडरग्राउंड होना पड़ा।

इसी साल मुंबई में क्राइम रिपोर्टर रहे इस पूरे मामले को कवर करने इराक पहुंचे थे। जैदी चाहते थे कि सत्ता से बेदखल होने के बाद सद्दाम या उनके करीबियों से बात हो ताकि कुछ खबरें निकलकर सामने आएं। इसी दौरान जैदी का इराक के बगदाद में कुछ हथियारबंद लोगों ने उनका अपहरण कर लिया।

जैदी बताते हैं कि मेरी आंखों में पट्टी बंधी हुई थी और वह मुझे किसी अनजान-सूनसान इलाके में ले गए। जब अपहरणकर्ताओं ने मेरे आंखों से पट्टी खोली तो वहां कई सारे लोग थे। लंबी कद-काठी और बड़ी ढाढ़ी-बाल वाले अपहरणकर्ताओं के बीच एक क्लीनशेव शख्स खड़ा था। उसने मुझसे टूटी-फूटी अंग्रेजी और अरबी में पूछा कि क्या तुम पाकिस्तान से आए हो? मैंने जवाब दिया- नहीं, मैं भारत से हूं, हिंदी हूं।

जैदी ने कहा कि इस दौरान मैं चिंता में था कि तभी उस शख्स ने अरबी में कुछ पूछा जो मैं समझ नहीं पाया। फिर उसने अरबी मिक्स अंग्रेजी में पूछा कि क्या तुम अमीशा बक्कन को जानते हो? इस पर जैदी ने बताया कि हां, मैं अमीशा पटेल को जानता हूं। इसके बाद उसने मुझे अरबी भाषा में खूब लताड़ लगाई और कहा कि तुम अमीशा बक्कन को नहीं जानते? इसके बाद वह गुस्से में कमरे के अंदर गया और उसने लॉकर से एक पोस्टर निकाला।

मेरे सामने अपहरणकर्ता ने वह पोस्टर खोला जो कि की फिल्म शक्ति का था। तब मैंने उसे बताया कि मैं इन्हें जानता हूं। इसके बाद उसने एक पेपर पर नोट लिखवाया और कहा कि जब भी वह मुंबई आएगा तो मुझे उसे अमिताभ बच्चन से मिलवाना होगा! फिर मैंने भी जान छुड़ाने के चक्कर में तुरंत हामीं भर दी।

बता दें कि, एस. हुसैन जैदी ने इराक में अपने के किस्से को स्वयं साल 2015 के एक इंटरव्यू में साझा किया था। हुसैन जैदी ने अपने पत्रकारिता जीवन में मुंबई में लंबे समय तक अपराध जगत को कवर किया था। साथ ही उन्होंने माफियाराज और मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कई रोचक व प्रसिद्द किताबें भी लिखी हैं।

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