बहुत से लोगों को ये नहीं पता कि किसानों पर टैक्स (tax on farmers) के क्या नियम हैं। उन्हें ये नहीं पता कि किसानों पर टैक्स लगता है या नहीं। लगता है तो कितना और नहीं लगता तो क्यों नहीं लगता है? आइए आज खेती से होने वाली आय के लिए टैक्स नियमों (Agricultural Income tax rules) से जुड़े आपके कुछ कनफ्यूजन दूर करते हैं। जानते हैं किसानों पर कब लगता है टैक्स और क्या हैं नियम।
खेती से होने वाली इनकम पर कोई भी टैक्स नहीं लगता है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 10(1) के तहत खेती से होने वाली कमाई टैक्स फ्री होती है। हमारा देश भारत हमेशा से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है। अधिकतर लोग अपना जीवन यापन करने के लिए खेती पर ही निर्भर हैं। वहीं पूरा देश किसानों पर निर्भर है, ताकि खाने-पीने की चीजों की सप्लाई बनी रहे। ऐसे में सरकार की तरफ से किसानों पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाता है, उल्टा उन्हें तमाम तरह की योजनाओं से राहत दी जाती है। बता दें कि खेती में फायदा भी होता है और नुकसान भी काफी होता है, क्योंकि अधिकतर किसान बारिश पर निर्भर होते हैं। ऐसे में खेती से होने वाली कमाई अभी तक टैक्स फ्री रखी गई है।
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एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर खेती से होने वाली कमाई या एग्रीकल्चर इनकम (Agricultural Income) किसे कहते हैं? बता दें कि खेती की जमीन को ठेके या लीज पर देकर हुई कमाई उस पर खेती कर के फसल बेचने से हुई कमाई को एग्रीकल्चर इनकम कहते हैं। अगर खेती की जमीन पर कोई घर बना है, जिसमें कोई किसान रहता है या उसे स्टोर रूम या आउट हाउस की तरह इस्तेमाल करता है तो भी उस जमीन से हुई आय को एग्रीकल्चर इनकम कहते हैं।
अगर किसी कृषि उत्पाद से प्रोसेस्ड फूड तैयार हो रहा है तो उससे होने वाली कमाई को एग्रीकल्चर इनकम नहीं माना जाएगा। जैसे अगर गन्ना किसान अपना गन्ना सीधे बेचे तो वह एग्रीकल्चर इनकम होगी, लेकिन अगर उससे गुड़ या चीनी बनाकर बेचता है तो वह एग्रीकल्चर इनकम नहीं रह जाएगी। पेड़ों की कमर्शियल बिक्री भी एग्रिकल्चर इनकम के दायरे से बाहर होती है।