शामगढ : कितना ही बड़ा पाप ही क्यों ना हो श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण मात्र से उसकी मुक्ति हो जाती हैं, पर शर्त यह है कि कथा श्रवण सच्चे मन से की जाए, धुंधकारी जो कि एक ब्राह्मण कुल में जन्न्मा, परंतु जिसकी करनी विपरीत हुई वेद और धर्म के विरुद्ध कार्य करने लगा जिसका परिणाम मरने के बाद उसे प्रेत योनि में तड़पना पड़ा, परंतु गोकर्ण जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का अनुसरण कर उसे मोक्ष दिलवाया, जो पापी से पापी व्यक्ति भी भागवत का सहारा लेकर भवसागर से तर सकता है, तो भगवान के भक्तों के लिए कोई बड़ी बात नहीं,
उक्त उद्गार शामगढ तहसील के ग्राम वारनी में श्रीमद् भागवत कथा में पंडित श्री विक्रम जी पुरोहित (श्री सुदामा) शामगढ वालों के द्वारा कही गई समस्त ग्राम वासियों के द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा हैए जिसमें आसपास के गांव बंजारी गोपालपुरा रणायरा रणायरा का खेड़ा असावती लालपुरा के ग्रामीण जन्म कथा का आनंद प्राप्त कर रहे हैं.