DHARMESH PALIWAL
नाथद्वारा.
अभियांत्रिक दिवस युवाओं को विज्ञान, प्रोद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। एक इंजीनियर का मतलब उस व्यक्ति से होता है जो विज्ञान के सिद्धांतों का अनुप्रयोग कर किसी समस्या का समाधान निकाल सके। ये विचार अलंकार इंजीनियरिंग के अध्यक्ष देवकिशन शर्मा ने श्रीनाथजी इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में अभियंता दिवस के अवसर पर कहे।
उन्होंने कहा कि एक आदर्श इंजीनियर कैसा होता है इसकी सबसे बढ़िया मिसाल एम विश्वेश्वरैया थे, उन्होंने 100 साल की उम्र में जीवन भर जिस दृढ़ विश्वास और ऊर्जा के साथ इंजीनियरिंग समस्याओं के समाधान निकाले हैं वह हर प्रकार के इंजीनियर के लिए मिसाल है. उनके जन्मदिन 15 सितंबर को मनाया जाने वाला इंजीनियर्स डे यही सीखने का दिन है।
विज्ञान भारती के अध्यक्ष जितेंद्र सनाढ्य ने कहा कि यह दिन उन सभी इंजीनियरों के योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने तकनीकी विकास, बुनियादी ढांचे की प्रगति और आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिला सचिव विज्ञान भारती डॉ. डी. एन. चौहान ने कहा कि इंजीनियरिंग हर क्षेत्र में मौजूद है, चाहे वह निर्माण, संचार, ऊर्जा, या स्वास्थ्य सेवाएँ हों। अभियन्ता दिवस यह समझने का अवसर है कि कैसे इंजीनियरिंग समाज की उन्नति में योगदान देती है।
अभियन्ता दिवस छात्रों और युवाओं को नवाचार की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि वे भविष्य में बेहतर इंजीनियर और देश के विकास में सहायक बन सकें। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का अतिथियों ने अवलोकन किया।
प्रदर्शनी में छात्रों ने अपने अभियांत्रिकी कौशल का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न प्रकार के मॉडल और प्रोजेक्ट को दर्शाया। कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक अशोक पारीख, श्रीनाथजी कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. के.बी. शुक्ला डीन, डॉ. कपिल पारीख शैक्षणिक प्रभारी मौजूद थे। कार्यक्रम में सिविल विभाग के विभागाध्यक्ष विशाल मगनानी व छात्र श्लोक शर्मा द्वारा पीपीटी प्रेजेंटेशन दिया गया। संचालन कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष कोमल पालीवाल ने किया।