Maharashtra News: महाराष्ट्र में राज्य सरकार ने 10वीं क्लास में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सरकार ने 10वीं के बच्चों को एक नई नीति के तहत 11वीं क्लास में प्रमोट करने का निर्णय लिया है। यह नीति ऐसी होगी कि अगर कोई बच्चा 10वीं क्लास में मैथ्स और साइंस में पासिंग मार्क्स (33 प्रतिशत) नहीं ला पाता है तो भी उसे 11वीं में प्रमोट कर दिया जाएगा। यह जानकारी राज्य के स्कूल शिक्षा के लिए करिकुलम फ्रेमवर्क (SCF-SE) के तहत दी गई है।
नई पॉलिसी के अनुसार, अगर किसी स्टूडेंट के साइंस और मैथ्स में न्यूनतम 20 मार्क्स भी आते हैं तो वह 11वीं में प्रमोट कर दिया जाएगा। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य स्कूल ड्रॉप आउट रेट को कम करना और छात्रों के लिए शिक्षा प्रणाली को अधिक फ्लैक्सिबल बनाना है। इससे छात्रों को जिन विषयों में कमजोर प्रदर्शन हो रहा है, उन्हें अन्य विषयों के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
बता दें कि सरकार की यह पॉलिसी 10वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पर ही लागू होगी और केवल दो ही विषयों (मैथ्स और साइंस) के लिए यह छूट मिलेगी। अन्य विषयों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा छात्रों को अपने अंक सुधारने के लिए दोबारा परीक्षा देने का भी अवसर दिया जाएगा।
सरकार के निर्णय पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि इस प्रकार की नीति से शिक्षा का स्तर गिर सकता है। उनका तर्क है कि इससे छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना कम होगी, जिससे वे अपने अंक से संतुष्ट होकर मेहनत करने से बच सकते हैं।
इस नीति का प्रभाव छात्रों के भविष्य पर भी पड़ सकता है, क्योंकि मैथ्स और साइंस जैसे महत्वपूर्ण विषयों को लेकर एक गलत मैसेज जाएगा। ऐसी परिस्थिति में छात्र इन दोनों सब्जेक्ट को गंभीरता से नहीं लेंगे। इससे एजुकेशन की क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है।