ऐसा लग रहा है कि मध्य प्रदेश से मानसून रूठ गया है। मानसून की शुरुआती सीजन में हुई झमाझम बारिश की गति अब धीमी हो गई है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं हो रही। यही कारण है कि प्रदेश में औसत बारिश का आंकड़ा 7 फीसदी घट गया है। अशोकनगर, ग्वालियर, सतना, बड़वानी, खरगोन ऐसे जिले हैं, जहां औसत से बहुत कम बारिश हुई है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रदेश का 67 फीसदी हिस्सा ऐसा है जहां सूखे जैसी तस्वीर है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन सहित 35 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। नीमच मंदसौर जिलों में तो 15 दिन से बूंदाबांदी भी नहीं हो पाई है।
हालांकि गुरुवार को कुछ स्थानों में तेज बारिश हुई। उमरिया, नरसिंहपुर सहित एक दर्जन जिलों में बारिश हुई। उमरिया में सर्वाधिक 24 मिलीमीटर, नौगांव में 21, नरसिंहपुर में 18, जबलपुर में 16.8, रीवा में 8, सागर में 6, नर्मदापुरम में 6, मंडला में 2, दमोह में 2 और मलाजखंड में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई।
मौसम वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कई स्थानों पर बारिश होने का अनुमान जताया है। इंदौर, उज्जैन और चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को सिंगरौली, सीधी, रीवा, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, डिंडोरी, बालाघाट, पन्ना, सतना, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, विदिशा, रायसेन, सीहोर, भोपाल, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी जिलों में कहीं-कहीं भारी तो कहीं-कहीं मध्यम बारिश होने का अनुमान है।