बड़वानी :
प्रदेश में कांग्रेस ने टिकट वितरण का कोई फार्मूला तैयार नहीं किया है. 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले भी कमलनाथ ने अपना सर्वे करवाया था और उसी के आधार पर टिकटों का बंटवारा किया था. सर्वे का असर भी हुआ और चुनाव में कांग्रेस 114 सीटें ले भी आई थी, लेकिन बाद में कांग्रेस से टूटकर गए विधायकों ने भाजपा की सरकार बनवा दी.
अब इस बार फिर कमलनाथ ने एक सर्वे करवाया है, जिसमें यह पता किया जा रहा है कि चुनाव में कौन भाजपा उम्मीदवार को मात दे सकता है. कल बड़वानी में आयोजित एक सभा में कमलनाथ ने दोहराया कि इस बार भी सर्वे के आधार पर ही टिकट दिए जाएंगे. जो भाजपा उम्मीदवार से बराबरी से लड़ेगा, उसकी सूची भी मेरे पास आ गई है. इसके बावजूद अगर किसी को किसी टिकट पर आपत्ति है और वह जानना चाहता है कि उसे टिकट क्यों नहीं मिला तो वह मेरे पास आकर सर्वे रिपोर्ट देख सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भाजपा नेता जल्द ही कांग्रेस में आने वाले हैं.
कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजयसिंह ने मध्यप्रदेश में कमजोर और हारे 66 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर बनाई रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को सौंप दी है. माना जा रहा है कि इन सीटों पर कहीं 1 तो कहीं 2-3 उम्मीदवारों के नामों का पैनल है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रदेश के अन्य जिलों में भी असंतुष्ट बीजेपी नेताओं को साधने की कोशिश में है. सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी संगठन में कई ऐसे नेता हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित उनके समर्थकों के बीजेपी में आने से खासा नाराज हैं. इन नेताओं को अपना राजनीतिक अस्तित्व खत्म होता दिख रहा है, वहीं, कइयों को अपने कार्यकर्ताओं सहित उपेक्षा महसूस हो रही है. इसका फायदा कांग्रेस पार्टी भरपूर उठाना चाहती है.
ऐसे कई नेता हैं जो नगरीय निकाय से लेकर विधानसभा चुनाव में दावेदार माने जाते रहे हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के आने के बाद से हालात ये हुए कि कार्यकर्ताओं सहित कई नेताओं के खुद के टिकट अधर में ही लटके पड़े हैं. इसके चलते बीजेपी के कई नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं.
मध्य प्रदेश में चुनाव को पांच महीने बाकी हैं. इससे पहले कई प्रकार के राजनीतिक नाटक घटते हुए देखे जा सकते हैं. कुछ दिन पहले तक कांग्रेस से नेता बीजेपी की ओर रुख करते नजर आ रहे थे. वहीं, अब हालात कुछ बदले-बदले से हैं. भारतीय जनता पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) खेमे के आने के बाद से ही असंतुष्टों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके चलते कई दिग्गज भाजपाई पार्टी में अपनी उपेक्षा के चलते कांग्रेस में जाने का मन बना रहे हैं या जा चुके हैं.
कांग्रेस संगठन की मानें तो ग्वालियर, जबलपुर, धार और इंदौर के कई ऐसे दिग्गज हैं जो बीजेपी में अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इसी के चलते कांग्रेस के कई नेता उन्हें साध कर अपने खेमे में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. इसकी शुरुआत बागली क्षेत्र के पूर्व विधायक और बीजेपी के पूर्व दिग्गज मंत्री रह चुके दीपक जोशी से की जा चुकी है. इसके अलावा, हरदा के दीपक जाट, अशोकनगर के यादवेंद्र सिंह, और बालाघाट नगर पालिका की पूर्व अध्यक्ष अनुभा मुंजारे भी कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं.
कांग्रेस संगठन भी इस अवसर का भरपूर फायदा उठाना चाहता है क्योंकि बीजेपी का बेसिक कार्यकर्ता टूट जाएगा तो सीधे-सीधे वोट बैंक का फायदा कांग्रेस को मिलेगा. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि हमारे संपर्क में कई भाजपाई हैं, जिनको पार्टी में सम्मान नहीं मिल रहा है और ना ही काम. हर जिले की स्थिति अलग-अलग होती है. राजनीतिक सामाजिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रहे हैं.